ट्रेनों में डिस्पोजल नैपकिन देने के लिए नहीं मिला सप्लायर
झांसी मंडल में शुरू होनी है योजना
ट्रेनों में डिस्पोजल नैपकिन देने के लिए नहीं मिला सप्लायर
ग्वालियर. ट्रेनों में कंबल, चादर और तौलिए चोरी होने की घटनाओं के बाद रेलवे ने यात्रियों को डिस्पोजल नैपकि न देने की घोषणा की है, लेकिन इसके लिए सप्लायर नहीं मिल रहा है, जिससे यह घोषणा अभी अटक गई है।
रेलवे डिस्पोजल नैपकि ग को पायलट प्रोजेक्ट के रू प में लेकर आया है। यह नैपकिन यात्रियों को पसंद आए थे तो रेलवे इन्हें देना जारी रखेगा। झांसी मंडल द्वारा कई कंपनियों के सप्लायरों से संपर्क किया गया, लेकिन कोई इसके लिए तैयार नहीं है। रेलवे सूत्रों की मानें तो एक कंपनी ने कुछ दिन पहले रुचि दिखाई थी, लेकिन उस कंपनी ने टेंडर में इतनी कम रेट डाली कि रेलवे में संपर्क करने से पहले ही भाग गई।
सालभर में इतने तौलिए, चादर गायब हुए
टे्रनों के एसी कोच में सफर करने वाले यात्रियों को बेडशीट, कंबल के साथ तौलिए दिए जाते हैं, जिनमें से अधिकांश चोरी हो जाते हैं। एक वर्ष पहले ग्वालियर से चलने वाली ९ ट्रेनों के अगर आंकड़े देखें तो ९६०० तौलिए, ५८७६ चादर गायब हो चुके हैं। इसको देखते हुए रेलवे ने यह निर्णय लिया है।
किसी सप्लायर ने रुचि नहीं दिखाई
झांसी मंडल में ग्वालियर से डिस्पोजल नैपकिन देने की योजना है। इसके लिए लगभग ८० हजार नैपकिन का ऑर्डर दिया था, लेकिन इसमें किसी भी कंपनी के सप्लायर ने रुचि नहीं दिखाई है।
मनोज कुमार सिंह, पीआरओ झांसी मंडल
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