सोमवार को पूजा-अर्चना का खासा महत्व है। महाशिवरात्रि पर यहां कांवडिय़ों का मेला भी लगता है और भक्त सोरों व हरिद्वार से गंगाजल लाकर अभिषेक करते हैं। मान्यता है कि प्राकृतिक और प्राचीन शिवलिंग का आकार हर साल एक चावल के बराबर बढ़ रहा है। इस पहाड़ी पर स्थित 4 वाय 4 केगड्ढे से वर्ष भर पानी निकलता रहता है। जो पंप लगाकर पानी खींचने के बावजूद खाली नहीं होता है।
सतयुग से प्रसिद्ध
महंत रामेश्वरदास, कमिलपुनि आश्रम ने बताया, सतयुग में करदम ऋषि के पुत्र कपिल मुनि विंध्याचल पर्वत से विचरण करते हुए इस जंगल से गुजरे। यहां का वातावरण अच्छा देखकर वे यहीं रुक गए और वर्षों यहां तपस्या की। इसीलिए इस क्षेत्र का नाम कपिलमुनि आश्रम पड़ गया।
रामेश्वर शिवालय
ग्वालियर. आबा महाराज राममंदिर दालबाजार में स्थित 190 साल पुराना शिवलिंग स्थापित है। यह रामेश्वर शिवालय कहा जाता है। श्रावण मास में अभिषेक दूध, जल वैदिक परंपरा के साथ विशेष पूजा अर्चना की जाती है। मंदिर को आबा महाराज, यश्वंत महाराज, लक्ष्मण महाराज, वासुदेव महाराज, यशवंतराव महाराज के बाद राघवेन्द और उपेन्द्र की छठवीं पीढ़ी देखरेख कर रही है।
बाबा महाकाल का नगर भ्रमण आज मुरार में
ग्वालियर। श्रावण मास के तीसरे सोमवार को शाम 4 बजे से मुरार में बाबा श्री महाकाल की शोभायात्रा निकाली जाएगी। यह शोभायात्रा गोपेश्वर महादेव मंदिर, घासमंडी से प्रारम्भ होकर अकबरगंज, सिंहपुर रोड, बारादरी चौराहा, सदर बाजार, कम्पनी बाग रोड, रिसाला बाजार होती हुई श्री गोपेश्वर महादेव मंदिर, घासमंडी पहुंचेगी। शोभायात्रा में मार्ग में बाबा महाकाल की शोभायात्रा का भक्तों द्वारा आरती एवं पुष्प वर्षा कर स्वागत किया जाएगा।