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ग्वालियर

मोबाइल से करें परेज, संगीत का लें आनंद

स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान में विज्ञान विस्तार विषयक पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें आईटीएम विश्वविद्यालय के कुलाधिपति रमाशंकर सिंह ने अपने विचार व्यक्त किए।
 

ग्वालियरJul 16, 2019 / 07:34 pm

Avdhesh Shrivastava

Health Management Institute

मोबाइल से करें परेज, संगीत का लें आनंद

ग्वालियर . आज विश्व में जिस गति से जैव विविधता नष्ट हो रही है और प्रदूषण के खतरे से प्रकृति प्रभावित हो रही है ऐसे में सिर्फ विज्ञान ही दुनिया को नष्ट होने से बचा सकता है। उक्त विचार आईटीएम विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. रमाशंकर सिंह ने सोमवार को यहां स्थानीय स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान में विज्ञान विस्तार विषयक पांच दिवसीय कार्यशाला के समापन अवसर पर व्यक्त किये। जीवन में विज्ञान के महत्व को प्रतिपादित करते हुए उन्होंने सभी से सजग जिज्ञासु भाव से अपनी इन्द्रियों के माध्यम से प्राप्त होने वाले ज्ञान को निरंतर संचय करते हुए वैज्ञानिक समझदारी से लाभ उठाने की सलाह दी।
प्रकृति, मानव और विज्ञान के रिश्तों का खुलासा करते हुए उन्होंने चंद्र ग्रहण का उदाहरण दिया तथा इस संबंध में पुरानी अतार्किक धारणाओं को त्याग कर वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की बात कही। उन्होंने आगे कहा कि हम प्रकृति को जितना समझेंगे और करीब जायेंगे प्रकृति उतनी ही हमारी सुरक्षा करेगी। जीवन में अंधाधुध तकनीकी घुसपैठ को प्रकृति विरोधी निरोपित करते हुए उन्होंने कहा कि मोबाइल जैसे उपकरणों का सीमा से अधिक उपयोग घातक हो सकता है। जिससे भावी संततियों में शारीरिक विकृतियों की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में हम सबके लिए दिमाग का अधिक उपयोग करना सबसे अच्छा रास्ता होगा, तभी हम जीवन के रक्षण का, प्रकृति के रंगों का, संगीत का और यहां तक की भोजन का भी भरपूर आनंद ले सकेंगे। डॉ.रमा शंकर सिंह ने दुनिया के सबसे मेधावी व्यक्ति लियोनार्दो द विंची सहित महान वैज्ञानिक न्यूटन और आइंस्टाइन का उदाहरण देते हुए प्रतिभागियों से अपनी बुद्वि का बिना रूके बिना थके अधिकतम उपयोग करते हुए सामने आने वाली बाधाओं वैज्ञानिक ढंग से निदान करने पर बल दिया।
आयोजन की अध्यक्षता करते हुए डॉ.व्हीके गुप्ता, संचालक, राज्य स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान ने कहा कि नि:संदेह वैज्ञानिक सोच ही जीवन का उत्तम मार्ग है। उन्होंने इस अवसर पर पुतल माध्यम से विज्ञान संचार जैसे नवाचार की भी भरपूर सराहना की। आयोजन में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित नई दिल्ली से आए प्रख्यात रंगकर्मी शकील अख्तर ने कहा कि लोक कला माध्यम ही एक सशक्त माध्यम है इस जनसंचार का भरपूर उपयोग किया जाना चाहिए। इस मौके पर वीरेन्द्र नागवंशी, छाया सक्सेना, संजीव शर्मा आदि मौजूद थे। संचालन भगवान स्वरूप चैतन्य ने किया।
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