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BSF सीनियर सेकंड्री स्कूल : 600 बच्चों का भविष्य दांव पर, सेंट्रल स्कूल ने प्रवेश देने से किया इंकार

BSF सीनियर सेकंड्री स्कूल : 600 बच्चों का भविष्य दांव पर, सेंट्रल स्कूल ने प्रवेश देने से किया इंकार

ग्वालियरMar 24, 2019 / 05:22 pm

Gaurav Sen

takenpur bsf senior secondary school closed soon

BSF सीनियर सेकंड्री स्कूल : 600 बच्चों का भविष्य दांव पर, सेंट्रल स्कूल ने प्रवेश देने से किया इंकार

ग्वालियर/टेकनपुर। बीएसएफ के एजुकेशन फंड से संचालित सीबीएसई मान्यता प्राप्त सीनियर सेकंडरी स्कूल नए सत्र 2019-20 से बंद करने का फैसला स्कूल प्रबंधन के गले की हड्डी बन गया है। प्रबंधन ने स्कूल को घाटे में संचालित होना बताकर इसे बंद करने के निर्णय के साथ ही प्राचार्य से कहा था कि छात्र-छात्राओं को अकादमी के परिसर में संचालित केन्द्रीय विद्यालय में स्थानातंरित करने के प्रयास किए जाएं लेकिन केन्द्रीय विद्यालय प्रबंधन ने नियमों का हवाला देते हुए सीनियर सेकंडरी स्कूल के कक्षा एक से दस तक के करीब 600छात्र-छात्राओं को प्रवेश देने में असमर्थता जताई है। इस बात से छात्र-छात्राओं के पालकों में रोष व्याप्त है।

केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य अब्दुल बहाव द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया है कि केंद्रीय विद्यालय अपने सुनिश्चित नियमों के विरुद्ध कोई भी कार्य नहीं करेगा जबकि केंद्रीय विद्यालय की नियमावली अनुसार सर्वप्रथम सुनिश्चित समयावधि में ऑनलाइन पंजीयन के बाद प्रवेश प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को प्राप्त अंकों की एवं विद्यालय की विभिन्न कक्षाओं में निश्चित संख्या के आधार पर ही प्रवेश दिया जा सकता है । इधर बीएसएफ स्कूल प्रबंधन बच्चों को केन्द्रीय विद्यालय में प्रवेश दिलाने के प्रयास कर रहा है।

ऐसे में एक तरफ बीएसएफ स्कूल प्रबंधन की मुश्किलें और बढ़ गई है वहीं दूसरी तरफ पालकों में भी अकादमी का स्कूल बंद होने की कार्रवाई को लेकर रोष व्याप्त है । उल्लेखनीय है कि 20 मार्च को स्कूल बंद होने की सूचना प्राप्त होने पर 200 से अधिक पालक स्कूल पहुंचे और प्रबंधन द्वारा संतोषजनक जवाब न देने के विरोध में अभिभावकों ने प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी कर अपना विरोध प्रस्तुत किया था । स्कूल की बंद किए जाने से स्कूल में पढऩे वाले छात्र- छात्राओं के पालकों के साथ ही स्कूल के बेरोजगार हुए कर्मचारियों में निराशा है। क्षेत्रीय लोगों में भी शहीदों की स्मृति में खोले गए 47 साल पुराने स्कूल को बंद कर देश के ऊपर अपने प्राण न्योछावर कर शहीद हुए जवानों के अपमान के विषय को लेकर अच्छा खासा रोष व्याप्त है।

केंद्रीय विद्यालय अपने सुनिश्चित नियमों पर ही चलता है और वही किया जाएगा इसके विरुद्ध और कुछ नहीं कहा जा सकता ।
अब्दुल वहाब, प्राचार्य केंद्रीय विद्यालय टेकनपुर

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