थोड़ा भी असहज महसूस करें, तो तुरंत बताएं पैरेंट्स को
गुड टच और बैड टच को बेटियों को समझना होगा। क्योंकि उनके ही निकट का कोई रिश्तेदार, मिलने वाला या फि र पढ़ाने वाला उनके साथ गलत काम कर सकता है। इसे छात्राओं को समझाना हम सभी का कर्तव्य है। बैड टच के बारे में यदि बच्चियां समझ गईं, तो वे छिपे हुए आरोपियों को सामने ला सकती हैं। यह बात स्पीकर ने कही। गोपाल किरण समाज सेवी संस्था की ओर से एक परिचर्चा का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर बच्चों को भी गुड टच और बैड टच में अंतर के बारे में बताया गया। उन्होंने बच्चियों को बताया कि जब भी आपको कोई टच करे और आपको असहज फील हो, तो तुरंत अपने पैरेंट्स को बताएं या फिर जोर से चिल्लाकर उसका विरोध करें। इससे व व्यक्ति डर जाएगा।