scriptटेन टाइम स्टार्टअप फेल हुआ, तब वीकनेस को स्ट्रेंथ बनाया, आज टर्नओवर लाखों में | Ten time startup failed, then made the weekday tight, today's turnover | Patrika News
ग्वालियर

टेन टाइम स्टार्टअप फेल हुआ, तब वीकनेस को स्ट्रेंथ बनाया, आज टर्नओवर लाखों में

हमारा एक दो बार नहीं बल्कि कई बार स्टार्टअप फेल हुआ। हर बार नया आइडिया लेकर मार्केट में उतरे और हर बार फेल हुए, लेकिन हार नहीं मानी। अपनी कमियों को पहचाना और उसे अपनी ताकत बनाया। आज हमारा टर्नोवर लाखों में है। हमारे साथ काफी बड़ी टीम काम कर रही है, जिन्हें हमने रोजगार भी दिया।

ग्वालियरMay 20, 2019 / 07:59 pm

Harish kushwah

Startups meet

Startups meet

ग्वालियर. हमारा एक दो बार नहीं बल्कि कई बार स्टार्टअप फेल हुआ। हर बार नया आइडिया लेकर मार्केट में उतरे और हर बार फेल हुए, लेकिन हार नहीं मानी। अपनी कमियों को पहचाना और उसे अपनी ताकत बनाया। आज हमारा टर्नोवर लाखों में है। हमारे साथ काफी बड़ी टीम काम कर रही है, जिन्हें हमने रोजगार भी दिया। यह कहना था शहर एवं बाहर के स्टार्टअप्स का, जो रविवार को जीवाजी क्लब में आयोजित स्टार्टअप्स मीट में शामिल हुए थे। यह कार्यक्रम वोर्क्शोप्पोपीडिया एवं हम फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था। स्पीकर के रूप में भोपाल के रीतेश रंगारे उपस्थित रहे। उन्होंने न्यू स्टार्टअप्स को टिप्स दिए। साथ ही स्टार्टअप्स ने अपने लाइफ के चैलेंज को शेयर किया।
न्यू स्टार्टअप को बताए फंड रेसिंग के तरीके

स्पीकर रीतेश रंगारे ने स्टार्टअप फाउंडर्स के साथ फंड रेस करने के तरीको पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि सीड फंडिंग के लिए एचएन आईज से जुड़ना भी एक अच्छा माध्यम है। इस मीटअप में उन्होंने 10 से 25 लाख तक की फंडिंग लेने के तरीके बताए। इस कार्यक्रम में कृष्णकांत चतुर्वेदी, कौशल साहू, आकाश अरोरा एवं मनीषा मोतीरमानी मुख्य रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन नीरज मंगल एवं आकाश अरोरा ने किया।
9 बार स्टार्टअप फेल होने के बाद मिली सफलता

मैंने स्किल अल्पा और द बगीरा स्टोर स्टार्टअप शुरू किया, जिसमें मेरी टीम अच्छा रन कर रही है। हमारा प्रॉब्लम सॉल्विंग प्रोडक्ट फॉरेन कंट्रीज में भी जाता है। इसके पहला न्यू आइडियाज पर काम करने के बाद भी मेरा 9 टाइम स्टार्टअप फेल हुआ। इसका कारण नई टीम का न होना, रिसोर्सेस कमजोर होना, फंड की कमी होना, स्किल कम होना आदि कारण थे, जिसे मैंने दूर किया और आज सक्सेस हैं।
रीतेश रांगरे, भोपाल

मार्केट रिसर्च के बाद प्लान थोड़ा चेंज किया

बैंगलूरु में मेरी वीनर्ट टेक्नोलॉजी कंपनी है। जो एचआर, सॉल्फ्टवेयर डवलपमेंट और यूथ में स्किल डवलप करने का काम करती है। हमारी 28 लोगों की टीम है। मेरा पहली बार का स्टार्टअप फेल हुआ, तब मैं थोड़ा परेशान हुआ, लेकिन फिर मैंने मार्केट रिसर्च की और अपने प्लान को थोड़ा चेंज किया, तब मेरा स्टार्टअप रन कर गया। आज हम इंडस्ट्री स्पांसर प्रोडक्ट भी रन करा रहे हैं, जिसकी काफी डिमांड है।
हेमंत शर्मा, बेंगलूरु

पोर्टल इंडिया के टॉप-5 में मेरा पोर्टल

मेरा हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम का वेब पोर्टल है। इसमें देशभर के 500 आर्टिस्ट कनेक्ट हैं। मेरा यह पोर्टल इंडिया के टॉप-5 में से एक है। मेरे साथ पूरी टीम है, जो पूरे देश में फैली हुई है। शुरुआत में मुझे ग्वालियर से इसकी शुरुआत करने में बहुत दिक्कत आई। इसके लिए पहले मैंने ग्वालियर में ट्रेनिंग सेंटर बनाया, जहां उन्हें ट्रेनिंग दी। इसके बाद यह स्टार्टअप रन कर गया।
नितिन पमनानी, ग्वालियर

एक साल में बचाया एक लाख लीटर पानी

शहर में पानी की किल्लत को देखते हुए मैंने ईको वर्कर्स स्टार्टअप शुरू किया। इसमें मैंने गाड़ी साफ करने के कई प्रोडक्ट्स बनाए, जो बिना पानी के गाड़ी को साफ करने में सक्षम हैं। मैं अपने प्रोडक्ट के माध्यम से एक साल में एक लाख लीटर पानी बचाता हूं और मेरा एक साल में 12 लाख लीटर पानी बचाने का लक्ष्य है। मेरा कई बड़ी कंपनियों से टाइअप है, जिसके तहत मेरा स्टार्टअप सक्सेस है।
सागर गोयल, ग्वालियर

स्कूल, कोचिंग की सेविंग से शुरू किया स्टार्टअप

मेरा व्हाइट मैग्नेट स्टार्टअप है। इसमें सभी आर्गेनिक आयटम्स तैयार होते हैं। साथ ही ब्यूटी प्रोडक्ट भी तैयार करते हैं। इसमें चारकोल टूथ पाउडर, वुडन ब्रश, चारकोल सोप आदि शामिल हैं। मेरे स्टार्टअप शुरू करने के लिए स्कूल और कोचिंग में पढ़ााया, जब पैसा इक_ा हुआ, तब स्टार्टअप शुरू किया। आज मेरे स्टार्टअप से हर साल 10 लाख रुपए का प्रॉफिट है।
रॉबिन यादव, ग्वालियर

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