scriptखुद का वजूद बनाने की जिद, आगे बढऩे के लिए नहीं लिया पैरेंट्स का सपोर्ट | The insistence on making one's own existence, did not take the support | Patrika News
ग्वालियर

खुद का वजूद बनाने की जिद, आगे बढऩे के लिए नहीं लिया पैरेंट्स का सपोर्ट

ग्वालियर की पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता और बिजनेसमैन राजीव गुप्ता की बेटी हैं संचिता

ग्वालियरOct 17, 2021 / 11:54 am

Mahesh Gupta

खुद का वजूद बनाने की जिद, आगे बढऩे के लिए नहीं लिया पैरेंट्स का सपोर्ट

खुद का वजूद बनाने की जिद, आगे बढऩे के लिए नहीं लिया पैरेंट्स का सपोर्ट

ग्वालियर.

पापा-मम्मी की पहचान के बल पर सक्सेस पाने वाले चेहरे बहुत हैं, लेकिन ऐसे लोग बहुत कम होते हैं, जो अपने आगे बढऩे में पैरेंट्स के नाम का उपयोग नहीं करते। अपना खुद का वजूद बनाते हैं। इन्हीं में से एक हैं ग्वालियर की संचिता गुप्ता। वह पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता एवं बिजनेसमैन राजीव गुप्ता की बेटी हैं। वह इस समय तीन मल्टीनेशनल कंपनीज की डिजिटल मार्केटिंग का काम देख रही हैं। साथ ही फुटबॉल में 5 नेशनल खेल चुकी हैं। कई मेडल उनके पास हैं। 2016 में वह सीनियर वुमन नेशनल फुटबॉल में यंगस्ेस्ट प्लेयर रहीं। उन्होंने मध्यप्रदेश को रिप्रजेंट किया था। वह आदिवासी बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर भी काम कर रही हैं।
पापा ने हेल्प के लिए बोला, मैंने मना कर दिया
संचिता ने बताया कि मेरे परिवार के अधिकतर सदस्य बिजनेस से जुड़े हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम ऑनर करने के बाद पापा ने मुझे भी बिजनेस खड़ा करने की अपॉच्र्युनिटी दी या फिर किसी मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब लगवाने के लिए बोला। लेकिन मुझे खुद का वजूद बनाना था। इसलिए मैंने मना कर दिया। एक आम इंसान की तरह ही मैंने जॉब सर्च की। इंटरव्यूज दिए। फिर मैंने डिजिटल मार्केटिंग का काम शुरू किया। कम समय में मेरा बेस्ट वर्क देखकर अन्य कंपनी भी कॉन्टेक्ट कर रही हैं।
लाइन में लगकर बनवाया ड्राइविंग लाइसेंस
संचिता की मां समीक्षा गुप्ता बताती हैं कि बेटी ने कभी भी हमसे किसी चीज की मदद नहीं मांगी। यहां तक की ड्राइविंग लाइसेंस लाइन में लगकर बनवाया। कोरोना वैक्सीन लगवाने एक किमी लंबी लाइन में लगी। हर छोटे से बड़ा काम खुद ही हैंडल किए। पिता राजीव गुप्ता ने कहा कि बेटी कभी भी हमारे नाम का भी यूज नहीं करती।
आदिवासी बच्चों के लिए कर रहीं काम
संचिता फ्रेंड ऑफ ट्राइबल सोसायटी एंड एकल युवा के ग्वालियर यूथ विंग की चेयरपर्सन है। वह गांव एवं शहर के स्लम एरिया में रहने वाले बच्चों को एजुकेशन, हेल्थ केयर, राइट्स के बारे में बताती हैं। वह जरूरतमंदों के लिए फंड रेज भी कर चुकी हैं।

Home / Gwalior / खुद का वजूद बनाने की जिद, आगे बढऩे के लिए नहीं लिया पैरेंट्स का सपोर्ट

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो