नवविवाहिता की मौत का कारण हमेशा दहेज प्रताडऩा नहीं होता, अन्य कारण भी खोजे जाने चाहिए : कोर्ट
शादी के मात्र एक माह की अवधि में नवविवाहिता द्वारा की गई आत्महत्या के मामले में दहेज प्रताडऩा नहीं बल्कि अन्य कारण भी खोजे जाना चाहिए। सत्र न्यायाधीश दीपक कुमार
नवविवाहिता की मौत का कारण हमेशा दहेज प्रताडऩा नहीं होता, अन्य कारण भी खोजे जाने चाहिए : कोर्ट
ग्वालियर. शादी के मात्र एक माह की अवधि में नवविवाहिता द्वारा की गई आत्महत्या के मामले में दहेज प्रताडऩा नहीं बल्कि अन्य कारण भी खोजे जाना चाहिए। सत्र न्यायाधीश दीपक कुमार अग्रवाल बचाव पक्ष के इस तथ्य को स्वीकार करते हुए दहेज हत्या के आरोपी पति, सास, देवर व ननद को दोषमुक्त कर दिया।
मामले में आरोपियों की ओर से तथ्य पेश किए कि वह एक लडक़े से प्रेम संबंध के कारण शादी से खुश नहीं थी। कार के लिए प्रताडऩा का आरोप फंसाने के लिए लगाया था। बताया गया है झांसी निवासी प्रभा की शादी 10 नवंबर 16 को मनोज के साथ हुई थी। पति द्वारा शादी के बाद ही चार पहिया वाहन की मांग की जाने लगी। उसने 9 दिसंबर 16 को फांसी लगा ली। इस मामले में पुलिस ने पति मनोज, सास विमला, देवर प्रवीण को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आरोपियों के अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया का कहना था कि मृतका के सामान में एक लडक़े का पत्र मिला जिसे एसपी को दिया था, लेकिन पुलिस ने इसकी जांच नहीं कराई। पत्र में लिखा था कि दोनों भागकर शादी करना चाहते थे। यह बात उन्होंने लडक़े वालों से छुपाई थी। कोर्ट ने आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया।
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