नाटक में दिखेगी बेटियों की सफलता की कहानी
म्यूजिक यूनिवर्सिटी के ड्रामा एंड थियेटर डिपार्टमेंट बेटी बचाओ नाटक की रिर्हसल चल रही है। ये नाटक बुंदेली लोकनाट्य स्वांग शैली पर आधारित होगा। इस नाटक का मंचन रायगढ़ में होने वाले चक्रधर नाट्य समारोह में स्टूडेंट्स द्वारा मंचन किया जाएगा।
ग्वालियर। म्यूजिक यूनिवर्सिटी के ड्रामा एंड थियेटर डिपार्टमेंट बेटी बचाओ नाटक की रिर्हसल चल रही है। ये नाटक बुंदेली लोकनाट्य स्वांग शैली पर आधारित होगा। इस नाटक का मंचन रायगढ़ में होने वाले चक्रधर नाट्य समारोह में स्टूडेंट्स द्वारा मंचन किया जाएगा। स्वांग बुंदेलखंड की एक विशुद्ध लोकनाट्य परंपरा है, जिसमें अभिनय प्रधान होता है। नाटक बेटी बचाओ में बुंदेलखंड के अन्य लोकगीतों एवं लोक नृत्य जैसे बधाई, नौरता, राई, मोनिया शेरा आदि का भी प्रयोग किया गया है। पूरा नाटक बुंदेलखंड की परंपरा को दर्शाता है जिसमें लगभग 17 स्टूडेंट्स हिस्सा ले रहे हैं। डॉ. हिमांशु द्विवेदी द्वारा लिखित और निर्देशित नाटक बेटी बचाओ जो कि बुंदेली लोक नाट्य स्वांग शैली पर आधारित है इस विषय पर पीएचडी की है। बुंदेली स्वांग विषय पर पहली पुस्तक भारतीय लोक नाट्य बुंदेलखंड के विशेष संदर्भ में लिखी है और थिएटर अवार्ड इंडिया फाउंडेशन द्वारा 1 लाख 30,000 की राशि से सम्मानित किया जा चुका है।
नाटक की कहानी-कहानी में बेटी के बारे में बताया है कि बेटी की जगह कोई नहीं ले सकता है। समाज को बेटी की भूमिका को समझना होगा। यह एक गांव की कहानी है जिसमें बेटा अपनी मां से शादी कराने की जिद्द करता है और मां उसको एक गुडि़या खरीदकर लाकर देती है, लेकिन वह गुडि़या बोलती नहीं है फिर मां उसकी शादी करा देती हैं। शादी के बाद उसे बेटियां हो जाती हैं। बेटा नहीं होता है। बेटे के लिए काफी पूजा पाठ करता है फिर उसे बेटा होता है लेकिन फिर उसक बेटी नानी के पास पढऩे चली जाती है। और अफसर बन जाती है और बेटा अपने पिता शेखचिल्ली को इज्जत नहीं देता है। और वह अपनी मां से पैसों की डिमांड करता है। इस कहानी में बेटे के बुरे व्यवहार ने पुरे गांव की सोच को बेटी के प्रति बदल दिया और बेटे जन्म होने वाले बधाईयां अब बेटी के होने पर गाय जाने लगे।
ये रहेगी भूमिका-शेखचिल्ली- हिमांशु द्विवेदी/ रवि अहिरवार, पंडित- स्वराज रावत, दाईं- निशांत आर्य, मिरदंगिया- अवतार, शेखचिल्ली की पत्नी – पूनम राणा, शेखचिल्ली की बेटी – खुशी, बेटा -प्रमोद पाराशर, गांव वालों की भूमिका में मानवेंद्र, हिजड़े- दीपक, विकास एवं अन्य गांव वालों की भूमिका में संतोष शादी वाला की भूमिका में रहेंगे।
Home / Gwalior / नाटक में दिखेगी बेटियों की सफलता की कहानी