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भिखारियों के भेष में कोई और तो नहीं…

शहर में भिखारियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इन भिखारियों की पहचान के बारे में अगर पूछा जाए तो किसी को नहीं मालूम कि अमुक भिखारी कौन है। ऐसे में यदि ये भिखारी कोई अपराध कर भी दे तो इसके लिए कौन जिम्मेदारी लेगा।

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भिखारियों के भेष में कोई और तो नहीं...

भिखारियों के भेष में कोई और तो नहीं...

ग्वालियर. शहर में भिखारियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। सबसे ज्यादा भिखारी शहर के प्रमुख मंदिरों के बाहर देखे जा सकते हैं। इन भिखारियों की पहचान के बारे में अगर पूछा जाए तो किसी को नहीं मालूम कि अमुक भिखारी कौन है। ऐसे में यदि ये भिखारी कोई अपराध कर भी दे तो इसके लिए कौन जिम्मेदारी लेगा। शहर के मंदिरों के प्रमुख लोग भी नहीं चाहते कि भिखारी मंदिरों के बाहर जमा हों।

इन मंदिरों के बाहर दिखते हैं
शहर केसाईं बाबा मंदिर विकास नगर, अचलेश्वर मंदिर, खेड़ापति मंदिर, नागदेवता मंदिर, छत्री बाजार और दौलतगंज, मारकंडेश्वर महादेव मंदिर, महाराज बाड़ा स्थित हनुमान मंदिरों पर भिखारियों की भीड़ देखी जा सकती है। इन मंदिरों पर आने वाले श्रद्धालु ऐसे भिखारियों को कपड़े, भोजन आदि वितरित करते हैं, इसके चलते ये मंदिरों के आस-पास ही मंडराते रहते हैं।
-हमने मंदिर प्रांगण से कई बार भिखारियों को खदेड़ा है। अब ये सामने की सडक़ पर इक_े होते हैं। इसके लिए सुरक्षा गार्ड भी रखे हुए हैं। कई बार भिखारियों की आड़ में अपराध भी घटित हो जाते हैं। पुलिस और नगर निगम को भी इसके लिए समय-समय पर बताया जाता है।

सोनू वाजपेयी, सचिव, अचलेश्वर महादेव सार्वजनिक न्यास

-सुबह-शाम ध्यान रखा जाता है कि मंदिर प्रांगण में कोई भी भिखारी ना घुसे। बाहर से आने वाले लोग उनके लिए खाने-पीने का सामान लेकर आते हैं इसके चलते मंदिर के बाहर ये जमा हो जाते हैं। अब तो कई बार भिखारियों के भेष में मजदूर भी यहां जमा होने लगे हैं। इसके लिए पुलिस से संपर्क किया जाएगा।
योगेश शुक्ला, अध्यक्ष, श्री साईं भक्त मंडल ट्रस्ट विकास नगर