script”कमाउ पूत ” की भी कद्र नहीं, दान के भरोसे चल रहा विभाग | There is no respect for "Kamau Poot", the department is running on don | Patrika News
ग्वालियर

”कमाउ पूत ” की भी कद्र नहीं, दान के भरोसे चल रहा विभाग

व्हीलचेयर, कूलर दानदाताओं ने दिए,
सुरक्षा के लिए चौकीदार भी नहीं
जिला पंजीयक कार्यालय का हाल

ग्वालियरDec 11, 2022 / 09:42 pm

bhupendra singh

patrika

donation

सरकार को राजस्व देने में राज्य में तीसरे नम्बर पर रहे पंजीयक विभाग ग्वालियर इन दिनों बदहाल नजर आ रहा है। विभाग के पास सुविधाओं के नाम पर दान दाताओं द्वारा उपलब्ध करवाया गया कूलर और वृद्धजनों तथा द्विव्यांगो के लिए दी गई व्हीलचेयर है। पीने के पानी के लिए परिसर खुले मे एक टोंटी लगी हुई है। जबकि करोड़ों रूपए की जमीनों की रजिस्ट्री के दस्तावेजों की सुरक्षा भी भगवान भरोसे ही है। विभाग के पास कार्यालय की सुरक्षा के लिए चौकीदार भी नहीं है। कार्यालय के लिए आवश्यक कर्मचारी और अधिकारियों के पद भी रिक्त हैं। सब रजिस्ट्रार के स्वीकृत पद 8 है लेकिन 5 ही कार्यरत है। सब रजिस्ट्रार के 3 पद रिक्त चल रहे हैं। विभागीय अधिकारियों के पास सरकारी वाहन भी नहीं है। भृत्य के 5 में से 4 पद खाली है वर्तमान में 1 भृत्य कार्यरत है लेकिन वह भी बीमार है। वहीं बाबुओं के तीन पद भी रिक्त चल रहे हैं। ऐसे में विभाग का कामकाज प्रभावित होता है।
पार्किग नहीं ,कार्यालय तक जाने वाली सड़क भी जर्जर

सम्पत्ति खरीद के दस्तावेजों के पंजीयन के लिए प्रतिदिन सैकड़ों लोग पंजीयन कार्यालय आते हैं लेकिन उन्हें अपने वाहन कार्यालय के मेनगेट और बीच सड़क पर ही खड़ा करना पड़ता है। इससे सड़क पर वाहनों का जमावड़ा लग जाता है। लोगों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ता है। पंजीयक कार्यालय के जरिए सरकार को सालाना करोड़ों का राजस्व स्टाम्प ड्यूटी के रूप में प्राप्त होता है। इसके बावजूद पंजीयन कार्यालय को जाने वाली सड्क खस्ताहाल है। सड़क में बडे-बडे गड्ढे हो गए हैं। इससे लोगों का आवाजाही में परेशानी होती है। सड़क किनारे लोगों ने अतिक्रमण भी कर रखा है।
बिजली गुल तो काम ठप

पंजीयन कार्यालय में बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। बिजली गुल होते ही कामकाज ठप हो जाता है। बिजली आने के इंतजार के सिवाय कोई विकल्प नहीं है। कार्यालय में जेनसेट भी नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि मुख्यालय को इसके लिए पत्र लिख कर अवगत करवा दिया गया है लेकिन अब तक जेनसेट नहीं मिला है।
लिफ्ट और रैम्प भी नहीं

कार्यालय में प्रथम तल पर द्विव्यांगों तथा वरिष्ठ नागरिकों के लिए न तो रैम्प है और नही ही लिफ्ट ही है। कार्यालय में प्रतिदिन बड़ी संख्या में वरिष्ठ नागरिक व द्विव्यांग आते है। कई द्विव्यांग कर्मचारी भी कार्यालय में कार्यरत हैं। ऐसे में सीढ़ी चढ़ना ही उनकी मजबूरी है।
ग्वालियर ने 543 करोड़ का राजस्व दिया

पंजीयक विभाग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकार द्वारा निर्धारित 500 करोड़ के लक्ष्य के विरुद्ध 543 करोड़ का राजस्व हासिल किया। इस दौरान 60 हजार 930 दस्तावेजों का पंजीयन किया गया। सरकार को राजस्व उपलब्ध करवाने में इंदौर पहले और भोपाल दूसरे नम्बर पर है। इंदौर और भोपाल में उप पंजीयकों के सभी पद भरे हुए हैं जबकि सरकार को राजस्व देने में तीसरे नम्बर पर चल रहे ग्वालियर में उप पंजीयकों के 3 पद रिक्त चले रहे हैं। इंदौर से सर्वाधिक 1835 करोड, भोपाल से 959 तथा जबलपुर से 449 करोड़ का राजस्व सरकार को पिछले वित्तीय वर्ष में हासिल हुआ।

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