सीडब्ल्यूसी द्वारा लीगल फ्री करने के बाद विभागीय अधिकारियों ने नियमानुसार 60 से 120 दिन के इंतजार के नियम को पूरा किया। इसके साथ ही मातापिता की खोज के लिए विज्ञापन भी दिया गया था। इसी दौरान कारा से भी अप्रूवल आ गया। अप्रूवल मिलने के बाद इंजीनियर दंपती ने बच्ची को गोद लेने के लिए प्रक्रिया पूरी की। सोमवार को यह बच्ची अपने भावी माता पिता के साथ चली गई।
अक्टूबर 2020 में चाइल्ड लाइन के सदस्यों को शहर के एक चौराहे पर अकेली बच्ची मिली थी। 3 वर्ष से भी कम उम्र की इस बच्ची को चाइल्डलाइन ने महिला बाल विकास को सौंपा था। विभाग ने बच्ची के माता-पिता को खोजने के लिए भरपूर प्रयास किया था। इसके बाद सीडब्ल्यूसी ने जनवरी में बच्ची को बाल गृह में रखने का आदेश दिया था।