शहर में मौसम में परिवर्तन होते ही पानी की जरूरत बढ़ गई है। आने वाले समय में इसमें और वृद्धि होगी। शहर में तिघरा से 10 एमसीएफटी पानी की सप्लाई शहर में की जाती है, इसके अलावा 2 से 3 एमसीएफटी पानी ग्राउंड वाटर के जरिए मिलता है। कई क्षेत्रों में अभी से जल संकट गहराने लगा है। आने वाले दिनों में यह और गंभीर हो सकता है। एक ओर जहां लोग पानी के लिए जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर निगम की लापरवाही से हजारों लीटर पानी सडक़ पर बहकर बर्बाद हो रहा है। अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर बचने का प्रयास करते हैं। बालाजी धाम में पाइपलाइन को टूटे हुए कई दिन हो गए हैं। रोजाना नल आते ही पानी सडक़ पर फैलने लगता है, लोग चाहकर भी इसे बंद नहीं कर सकते हैं। रहवासियों ने इसको लेकर नगर निगम अधिकारियों को सूचना दी, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। अभी भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। नगर निगम द्वारा अगर शहर में पाइपलाइन से लीकेज होने वाले पानी को बर्बाद होने से बचा लिया जाए तो कई दिनों का पानी शहरवासियों को मिल सकता है, लेकिन निगम अधिकारी इस ओर ध्यान ही नहीं देते हैं।
बिल की वसूली पूरी शहर के सिकंदर कंपू स्थित कई कॉलोनियों में पानी की परेशानी शुरू हो गई है, इसको लेकर लोगों ने शिकायत भी की है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। लोगों का कहना है कि निगम द्वारा पानी तो पर्याप्त दिया नहीं जा रहा है, लेकिन बिल की वसूली पूरी की जा रही है। बिल नहीं देने पर कनेक्शन काटने की धमकी देते हैं, लेकिन जब पानी की सप्लाई की बात होती है तो कोई भी अधिकारी बात नहीं सुनता है।