इमली की गोठ में मंदिर के समीप शासकीय जमीन है जो एक समाज की धर्मशाला के लिए चिह्नित की गई थी। लेकिन धर्मशाला का निर्माण नहीं होने के कारण उक्त जमीन पर रसूखदारों की नजर बनी हुई है। क्षेत्र के ही कुछ रसूखदारों द्वारा उक्त जमीन को चारों ओर से घेर लिया गया है और धीरे-धीरे तलघर का निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है। खास बात यह है कि शहर के बीचों-बीच तलघर का निर्माण कराने के बाद भी निगम और स्थानीय प्रशासन उदासीन है। इधर, रिहायशी इलाके में तलघर का निर्माण कराने को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि बारिश के दिनों में तलघर के लिए खुदाई कराए जाने से आसपास के घरों में नुकसान हो सकता है। विरोध करने पर तलघर का निर्माण कराने वाले रसूखदार विवाद पर उतारू हो जाते हैं। स्थानीय लोगों द्वारा नगर निगम के क्षेत्राधिकारी सतेन्द्र सौलंकी को भी अवगत कराया गया, लेकिन उनके द्वारा मौके पर औपचाकिरता निभाते हुए केवल आश्वासन दिया गया और मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत करने के बाद कुछ अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल कर निकल गए, लेकिन उनके द्वारा तलघर का निर्माण नहीं रुकवाया गया। ऐसे में आसपास रहने वाले लोग उनके घरों को नुकसान होने की आशंका से परेशान हैं।