इससे ट्रेनों की गति बढ़ेगी, वहीं रेलवे का मेंटेनेंस व्यय भी कम होगा, साथ ही यात्रा भी सुगम होगी। झांसी-मानिकपुर खंड पर अभी तक झांसी-बांदा पैसेंजर ही विद्युत इंजन से संचालित हो रही है, अन्य ट्रेनें डीजल इंजन से ही चल रही हैं। विद्युत ऊर्जा पर्यावरण संरक्षण में सहायक होती है, इसके उपयोग से कार्बन के उत्सर्जन में कमी के साथ अन्य प्रदूषण भी कम होते हैं।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस भी होगी शुरू
ग्वालियर से चलने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस इसी मार्ग से चलती है, इसमें डीजल इंजन ही लगता है, लेकिन इलाहाबाद और बनारस के बीच अभी विद्युतीकरण नहीं होने से इस रूट पर अभी विद्युत का इंजन नहीं चल सकता है। इसके लिए रेलवे ने भविष्य में विद्युतीकरण के प्रयास शुरू कर दिए हैं, जिससे बुंदेलखंड एक्सप्रेस भी इलेक्ट्रिक इंजन से चल सकेगी।