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ग्वालियर

आजादी के बाद पूरे देश में 15 अगस्त में फहराया गया था तिरंगा, लेकिन ग्वालियर में नहीं , जानिए क्या था कारण

Tricolor hoisting in gwalior on 25 august 1947 during scindia dynasty : राजा ने रखी थी यह शर्त,आजादी के बाद भी आजाद नहीं हुआ था ये शहर, फिर 25 अगस्त को हुआ ऐसा

ग्वालियरAug 14, 2019 / 12:49 pm

Gaurav Sen

Tricolor hoisting in gwalior on 25 august 1947 during scindia dynasty

आजादी के बाद पूरे देश में 15 अगस्त में फहराया गया था तिरंगा, लेकिन ग्वालियर में नहीं , जानिए क्या था कारण

ग्वालियर। पूरा देश 15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने की खुशियां मना रहा था,लेकिन यह खुशी ग्वालियर मेें नहीं थी और न ही इस दिन ग्वालियर में तिरंगा फहराया गया। इसका कारण यह था कि महाराज जीवाजीराव सिंधिया विलय होने तक इसे टालना चाहते थे। हालांकि बाद में विवाद सुलझा और 10 दिन बाद, 25 अगस्त को ग्वालियर में तिरंगा फहराकर आजादी का जश्न मनाया गया। 1947 में 15 अगस्त को अंग्रेजों ने भारत की बागडोर औपचारिक तौर पर भारत की जनता के सुपुर्द की, तो 15 अगस्त की सुबह से सारे देश में तिरंगा झंडा फहरा कर जश्न मनाया गया।

आजादी मिलने की खुशी ग्वालियर में भी उमड़ रही थी। जश्न मनाने की सारी तैयारियां थीं। जश्न घर-घर में मनाया भी गया,लेकिन संवैधानिक विवाद के चलते तिरंगा नहीं फहराया जा सका। दरअसल उस वक्त रियासतों के विलय की औपचारिकता पूरी नहीं हुई थी। ग्वालियर के तत्कालीन महाराजा जीवाजीराव सिंधिया का मानना था कि जब तक देश का संविधान सामने नहीं आता और रियासतों का स्वरूप स्पष्ट नहीं होता तब तक रियासत में सिंधिया राजवंश के स्थापित प्रशासन को ही माना जाएगा।

सिंधिया राजवंश का फहरे झंडा महाराज चाहते थे कि सिंधिया रियासत का ध्वज ही आजादी पर फहराया जाना चाहिए।,लेकिन कांग्रेसी ये मानने को तैयार नहीं थे,वो तिरंगा फहरा कर ही आजादी का समारोह मनाना चाहते थे। लिहाजा 15 अगस्त के दिन निजी तौर पर तो ग्वालियर की जनता ने आजादी का जश्न मनाया, लेकिन न तिरंगा फहराया जा सका,न सिंधिया राजवंश का ध्वज। इसके बाद 25 अगस्त को ग्वालियर में तिरंगा फहराया गया था। 15 अगस्त को तिरंगा न फहराए जाने की बात जब प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के पास पहुंची तो उस समय के गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने मामले को सुलझाया और इसके 10 दिन बाद 25 अगस्त को ग्वालियर में आजादी का जश्न मनाया गया।

महाराज जीवाजीराव सिंधिया ने नौलखा परेड ग्राउंड में सिंधिया राजवंश का ध्वज फहराया,जबकि तत्कालीन मुख्यमंत्री लीलाधर जोशी ने किला गेट पर ध्वज को फहराया। इस समारोह में कांग्रेसी नेता सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे। इसके बाद खुद जवाहर लाल नेहरू ग्वालियर आए और महाराज जीवाजीराव सिंधिया को मध्य भारत प्रांत के राजप्रमुख के रूप में शपथ दिलाई।

jai vilas palace Gwalior
सिंधिया खानदान का जय विलास पैलेस

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Gwalior city
मोह्म्मद गौस का मकबरा

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