पुलिस के अनुसार, तीनों चोरी करने की नियत से अपने ही रिश्तेदार के घर में जा घुसे थे। पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि, घर में घुंसने के बाद जिसकी नींद खुलती गई, वो उसे मौत की नींद सुलाते गए। एक-एक करके मौसा, मौसी और मौसेरी बहन को मौत के घाट उतारा दिया। फिलहाल, इस जघन्य हत्याकांड का मास्टर माइंड मृतक का भतीजा तो पुलिस गिरफ्त से फरार है, लेकिन पुलिस ने उनमें से एक आरोपी तरुण उर्फ घोड़ा को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि, घोड़ा पेशेवर चोर है। वारदात का अब तक का खुलासा पुलिस ने तरूण द्वारा की गई पूछताछ के जरिये ही किया गया है। आरोपी घोड़ा ने बताया कि, पूरी प्लानिंग मृतक के भतीजे सचिन पाल द्वारा की गई थी। इसमें मोनू नामक एक अन्य आरोपी भी शामिल था।
पहले मौसी की नींद खुली, फिर…
घोड़ा ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि, शनिवार-रविवार दरमियानी रात चोरी के इरादे से ही घर में पीछे के रास्ते से दाखिल हुए थे। जब चोरी कर रहे थे, तो सबसे पहले आरोपी सचिन पाल की मौसी सरोज की नींद खुली। उस पर तीनों आरोपियों ने मिलकर चारों और से चाकू से हमला कर दिया। इसके बाद मौसा और बहन की नींद खुल गई। इसपर उनकी भी गला घोंटकर हत्या कर दी।
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ऐसे उठा हत्याकांड से पर्दा
जिले के मुरार इलाके के अंतर्गत आने वाले अल्पना टॉकीज के पास 60 वर्षीय जगदीश पाल, उसकी पत्नी सरोज और 11 वर्षीय बेटी कीर्ति पाल की हत्या का मामला सामने आया। मास्टर माइंड जगदीश के साड़ू का बेटा सचिन पाल निकला। हत्या के बाद पुलिस काफी हाथ पैर मार रही थी। तभी घटना स्थल के पास रहने वाले एक पड़ोसी ने पुलिस को आसान सा क्लू दिया। उसने बताया कि मृतक के घर के सामने ही उसका साड़ू रहता है। साड़ू तो आसपास दिख रहा है, लेकिन हत्याकांड के बाद से उसका बेटा सचिन कहीं गायब है।
इस तरह ब्लाइंड ट्रिपल मर्डर की गुत्थी सुलझी
पुलिस ने इस और तफ्तीश शुरु की, तो उसका शक गहराता चला गया। कुछ समय बाद पुलिस को पता लगा कि, कुछ दिन से सचिन के पास गोहद निवासी मोनू और जनकगंज निवासी तरुण उर्फ घोड़ा बैठ रहे थे। पुलिस तफ्तीश में सामने आया कि, दोनों ही पेशेवर चोर है। मोनू और घोड़ा की तलाश शुरु हुई, तो ये दोनों भी फरार पए गए। इसके बाद पुलिस ने घेराबंदी करते हुए तरुण उर्फ घोड़ा को हिरासत में ले लिया। आरोपी घोड़ा के पुलिस के हत्थे चढ़ते ही इस ब्लाइंड ट्रिपल मर्डर की सारी गुत्थियां सुलझ गईं।
पहचान हो जाती, इसलिए हत्या करनी पड़ी
रात करीब 1.30 बजे घर में पीछे के रास्ते से तीनों दाखिल हुए। जब वारदात को अंजाम दे रहे थे तभी सचिन की मौसी सरोज की नींद खुल गई। उसने एक आरोपी के बाल पकड़ लिए। इसके बाद सचिन ने ही सबसे पहले मौसी पर चाकू से हमला करना शुरु किया। इसके बाद अन्य दो आरोपियों ने मौसी पर ये सोचकर हमला किया कि, अब एक केस बढ़ तो गया ही है, तो क्यों न मौसी को मारकर राज फाश होने के झमेले से बचा जा सके। घटना के बाद मृतका के हाथ में कुछ बाल भी फोरेंसिक टीम को मिले हैं। जब सरोज को चाकू मारे तो उसी कमरे में सो रहे जगदीश पाल और कीर्ति की भी नींद खुल गई। उन्होंने सचिन को पहचान लिया। इसके बाद उन दोनों के गले घोंटकर हत्या कर दी गई।
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