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ग्वालियर

मध्यप्रदेश में बेरोजगारी दर केवल 3.5 फीसदी, यह राष्ट्रीय दर से आधी

– सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट में खुलासा, राष्ट्रीय औसत दर 7.6 फीसदी की तुलना में प्रदेश में कम बेरोजगार- राजस्थान में बेरोजगारी दर 26.7 वहीं हरियाणा में 35.7 फीसदी, मध्यप्रदेश में जनवरी से सितंबर तक इस साल औसत बेरोजगारी दर 3.1 फीसदी

ग्वालियरSep 20, 2021 / 09:14 am

Narendra Kuiya

ग्वालियर. कोरोना संक्रमण के कम होते ही मध्यप्रदेश में रोजगार और अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार आने लगा है। यही कारण है कि अब प्रदेश में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय दर की तुलना में करीब आधी रह गई है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआइ) की ताजा रिपोर्ट में मध्यप्रदेश में बेरोजगारी की दर 3.5 फीसदी है, जबकि राष्ट्रीय बेरोजगारी की दर 7.6 फीसदी है। सबसे खराब हालत हरियाणा राज्य की है, यहां बेरोजगारी की दर 35.7 फीसदी बताई गई है, वहीं राजस्थान में ये 26.7 फीसदी है। सबसे कम बेरोजगारी की दर 0.0 सिक्किम राज्य में है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस हिसाब से एक बार फिर प्रदेश में विकास के रास्ते खुल रहे हैं।
ऐसी है राज्यों में बेरोजगारी
राज्य अगस्त 2021
आंध्रप्रदेश 6.5
आसाम 6.7
बिहार 13.6
दिल्ली 11.6
गोआ 12.6
गुजरात 1.6
हरियाणा 35.7
हिमाचल प्रदेश 3.7
जम्मू एंड कश्मीर 13.6
झारखंड 16.0
कर्नाटक 1.5
केरला 7.8
मध्यप्रदेश 3.5
महाराष्ट्र 4.4
मेघालय 0.6
ओडि़शा 2.2
पांडिचेरी 8.6
पंजाब 6.0
राजस्थान 26.7
सिक्किम 0.0
तमिलनाडू 6.3
तेलंगाना 4.7
त्रिपुरा 15.6
उत्तरप्रदेश 7.0
उत्तराखंड 6.2
पश्चिम बंगाल 7.4
(नोट – सभी आंकड़े प्रतिशत में)
प्रदेश में औसत 3.1 फीसदी है बेरोजगारी की दर
मध्यप्रदेश में वर्ष 2021 के दौरान बेरोजगारी दर की अगर बात की जाए तो इस साल जनवरी में 6.2, फरवरी में 2.0, मार्च में 1.5, अप्रैल में 1.4, मई में 5.2, जून में 2.3, जुलाई में 2.3, अगस्त में 3.5 और सितंबर माह में भी 3.5 फीसदी रही है। यानी इस साल के नौ माह में अभी तक औसत बेरोजगारी की दर 3.1 फीसदी तक हुई है।
कम बेरोजगारी दर्शाती है आर्थिक प्रबंधन में कुशलता
मुरार गल्र्स कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग के प्रो.केके श्रीवास्तव का मानना है कि मध्यप्रदेश में अगस्त-सितंबर में बेरोजगारी की दर 3.5 फीसदी स्तर पर दूसरे राज्यों की तुलना में काफी कम है। जो प्रदेश सरकार के अर्थव्यवस्था के प्रबंधन की कुशलता को दर्शाती है और आर्थिक आशावाद का आधार है। कोरोना की प्रथम लहर में मई 2020 में प्रदेश की बेरोजगारी दर 22 फीसदी, राष्ट्रीय दर 21.7 फीसदी से अधिक रही थी। दूसरी लहर के जनवरी-सितंबर तीन तिमाही में यह औसतन 3.1 फीसदी रही। अगस्त-2021 एवं सितंबर-2021 में यह 3.5 फीसदी रही है। ये अच्छे संकेत का द्योतक है। इससे आर्थिक कारोबार के लिए अच्छा वातावरण बनता है, जो विकास के लिए काफी आवश्यक है। कुल मिलाकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में रिकवरी हमें आगे ले जाएगी।

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