राज्य अगस्त 2021
आंध्रप्रदेश 6.5
आसाम 6.7
बिहार 13.6
दिल्ली 11.6
गोआ 12.6
गुजरात 1.6
हरियाणा 35.7
हिमाचल प्रदेश 3.7
जम्मू एंड कश्मीर 13.6
झारखंड 16.0
कर्नाटक 1.5
केरला 7.8
मध्यप्रदेश 3.5
महाराष्ट्र 4.4
मेघालय 0.6
ओडि़शा 2.2
पांडिचेरी 8.6
पंजाब 6.0
राजस्थान 26.7
सिक्किम 0.0
तमिलनाडू 6.3
तेलंगाना 4.7
त्रिपुरा 15.6
उत्तरप्रदेश 7.0
उत्तराखंड 6.2
पश्चिम बंगाल 7.4
(नोट – सभी आंकड़े प्रतिशत में)
मध्यप्रदेश में वर्ष 2021 के दौरान बेरोजगारी दर की अगर बात की जाए तो इस साल जनवरी में 6.2, फरवरी में 2.0, मार्च में 1.5, अप्रैल में 1.4, मई में 5.2, जून में 2.3, जुलाई में 2.3, अगस्त में 3.5 और सितंबर माह में भी 3.5 फीसदी रही है। यानी इस साल के नौ माह में अभी तक औसत बेरोजगारी की दर 3.1 फीसदी तक हुई है।
मुरार गल्र्स कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग के प्रो.केके श्रीवास्तव का मानना है कि मध्यप्रदेश में अगस्त-सितंबर में बेरोजगारी की दर 3.5 फीसदी स्तर पर दूसरे राज्यों की तुलना में काफी कम है। जो प्रदेश सरकार के अर्थव्यवस्था के प्रबंधन की कुशलता को दर्शाती है और आर्थिक आशावाद का आधार है। कोरोना की प्रथम लहर में मई 2020 में प्रदेश की बेरोजगारी दर 22 फीसदी, राष्ट्रीय दर 21.7 फीसदी से अधिक रही थी। दूसरी लहर के जनवरी-सितंबर तीन तिमाही में यह औसतन 3.1 फीसदी रही। अगस्त-2021 एवं सितंबर-2021 में यह 3.5 फीसदी रही है। ये अच्छे संकेत का द्योतक है। इससे आर्थिक कारोबार के लिए अच्छा वातावरण बनता है, जो विकास के लिए काफी आवश्यक है। कुल मिलाकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में रिकवरी हमें आगे ले जाएगी।