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ग्वालियर

मुक्केबाज मैरीकॉम वीरांगना सम्मान से प्रदेश सरकार ने किया विभूषित, लक्ष्मीबाई समाधि के सामने मैदान में हुआ आयोजन

मुक्केबाज मैरीकॉम वीरांगना सम्मान से प्रदेश सरकार ने किया विभूषित, लक्ष्मीबाई समाधि के सामने मैदान में हुआ आयोजन

ग्वालियरJun 18, 2018 / 09:45 am

Gaurav Sen

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मुक्केबाज मैरीकॉम वीरांगना सम्मान से प्रदेश सरकार ने किया विभूषित, लक्ष्मीबाई समाधि के सामने मैदान में हुआ आयोजन

ग्वालियर। स्त्रीत्व को नई परिभाषा देकर अपने शौर्य बल से नए प्रतिमान गढऩे वाली विश्व प्रसिद्ध मुक्केबाजज एमसी मैरीकॉम को वीरांगना सम्मान 2015 से विभूषित किया गया। रविवार की शाम प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया और जनसंपर्क व जलसंसाधन मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्र ने मैरी कॉम को इस सम्मान से अलंकृत किया। मध्यप्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा प्रदत्त इस अलंकरण के रूप में उन्हें दो लाख रुपए की सम्मान राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। यहां रानी लक्ष्मीबाई समाधि स्थल के सामने स्थित मैदान में वीरांगना बलिदान मेले का आयोजन किया जा रहा है।


देशभक्ति की मिलती है प्रेरणा
इस मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा कि बलिदान मेले से युवाओं को देशभक्ति की प्रेरणा मिलती है। देश मुझे क्या देगा इसके बजाय मैं देश को क्या दे सकता हूं, युवाओं में ऐसी भावना इस बलिदान मेले के माध्यम से पैदा होती है। इस मौके पर प्रख्यात गायिका अनुराधा पौडवाल, सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष बालेन्दु शुक्ल, जीडीए अध्यक्ष अभय चौधरी, महापौर विवेक शेजवलकर आदि मौजूद थे।

 

मैरीकॉम ने कहा- मुक्केबाजी का खेल चुनने पर उड़ाई गई थी हंसी
वीरांगना सम्मान से विभूषित एमसी मैरीकॉम ने कहा कि मैंने मुक्केबाजी को एक चुनौती के रूप में लेकर इस मिथक को तोडऩे का प्रयास किया है कि लड़कियां भी हर वह काम कर सकती हैं जो लड़के कर सकते हैं। उन्होंने कहा मुक्केबाजी चुनने पर बचपन में मेरी हंसी उड़ाई गई। मगर हमने हिम्मतपूर्वक इस खेल में महारत हासिल कर देश और दुनिया में भारत का नाम रोशन किया। एशियाड, कॉमनपवेल्थ एवं विश्व स्तर की अन्य प्रतियोगिताओं में मुझे स्वर्ण पदक मिल चुके हैं। ओलिम्पिक में मैंने ब्रॉन्ज मैडल हासिल किया है, अब मेरा सपना है कि 2020 के ओलिम्पिक में देश के लिए गोल्ड जीतें। मुझ पर जो फिल्म बनाई गई थी उसमें सिर्फ 10 फीसदी मेहनत दिखाई थी, जबकि मैंने यहां तक आने बहुत संघर्ष किया है।

 


झांसी से आई शहीद ज्योति यात्रा
वीरांगना बलिदान मेला में रविवार को शाम झांसी के किले से चलकर आई शहीद ज्योति यात्रा का ग्वालियर शहर में भव्य स्वागत किया गया। ग्वालियर दुर्ग की तलहटी कोटेश्वर से वाहन रैली और वीरांगना की शोभायात्रा के रूप में यह शहीद ज्योति यात्रा शाम 7.45 बजे लक्ष्मीबाई समाधि स्थल पर पहुंची। झांसी दुर्ग से यह शहीद ज्योति यात्रा अनूप खुरासिया के नेतृत्व निकली थी। समाधि स्थल पर पवैया सहित अन्य अतिथियों ने शहीद ज्योति स्थापित की।

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प्रदर्शनी देखने पहुंचे आमजन
वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के शस्त्रों तथा जरा याद करो कुर्बानी स्वराज संस्थान की क्रांतिकारियों पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। प्रदर्शनियों में वीरांगना लक्ष्मीबाई के अस्त्र-शस्त्र और देश की महान वीरांगनाओं की जीवन गाथा प्रदर्शित की गई हैं।
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दार्शनिक वंदना और सुनीता को सम्मान
बलिदान मेले के दूसरे दिन यानी 18 जून को शाम अलंकरण समारोह में दो विभूतियों को वीरांगना सम्मान प्रदान किया जाएगा। वर्ष 2016-17 के वीरांगना सम्मान से सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुनीता नारायण और वर्ष 2017-18 के वीरांगना सम्मान से सुप्रसिद्ध पर्यावरण विद् एवं दार्शनिक वंदना शिवा अलंकृत होंगी। रात्रि 8 बजे होने वाले कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त के वंशज को बलिदान मेेले में क्रांतिवीर परिजन सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। शाम 7 बजे जीवंत महानाट्य खूब लड़ी मर्दानी का मंचन होगा। वहीं वीरांगना सम्मान के बाद अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन होगा। इसमें सुविख्यात कवि एवं फिल्मी गीतकार संतोषानंद दिल्ली, पं.सत्यनारायण सत्तन इंदौर, विनीत चौहान अलवर, प्रताप फौजदार दिल्ली, सुरेन्द्र दुबे रायपुर, तुषा शर्मा मेरठ, मुकेश मौलवा इंदौर आदि काव्य पाठ करेंगे।
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