एक ही समय दो स्थानों पर परीक्षा देने से मामला आया पकड़ में सीबीआई के अधिवक्ता निर्मल शर्मा ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने वर्ष २०१२ में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की थी, इस परीक्षा में दिनेश कुशवाह ने दो फॉर्म भरे थे। इसमें आरोपी ने अपना नाम दिनेश पुत्र सुदामा, मां का नाम काशीबाई, जन्म दिनांक ७ अप्रैल १९८७ निवासी संजय स्कूल के पास अटेर रोड पोरसा भरा था। परीक्षा परिणाम आने पर यह तथ्य सामने आया कि एक व्यक्ति ने एक ही दिन में दो परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा दी है। जो कि संभव नहीं था। इस कारण उसका परीक्षा परिणाम रोका गया। तत्कालीन एडीशनल डीजी केएन तिवारी ने एसपी मुरैना को इस संबंध में पत्र लिखकर जांच कर मामला दर्ज करने को कहा। इस पर पुलिस थाना पोरसा ने मामले को जांच में लेते हुए आरोपी दिनेश के खिलाफ भादसं की धारा ४१९ तथा ४२० एवं ३/४ परीक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।
लाइ डिटेक्टर टेस्ट भी कराया था सीबीआई ने जांच में पता चला कि आरोपी दिनेश के नाम से एक परीक्षार्थी जेएस पब्लिक हाईस्कूल मुरैना एवं दूसरा व्यक्ति पीजी कॉलेज अंबाह से परीक्षा में सम्मिलित हुआ। सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी इसके बाद सीबीआई ने जांच में पाया कि आरोपी दिनेश पुत्र सुदामा का सगा भाई मुकेश कुशवाह जो कि पूर्व से ही पुलिस आरक्षक था, उसने दिनेश के सॉल्वर के रुप में अंबाह कॉलेज वाले परीक्षा सेंटर से परीक्षा दी। सीबीआई ने आरोपियों की हस्तलिपि, अंगूठे के चिन्ह एवं लाई डिटेक्टर टेस्ट आदि कर आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य एकत्रित की। इस मामले में सीबीआई ने कुल २२ गवाहों के बयान कराए।
वोटर लिस्ट के आधार पर आरोपी को पकड़ा इस मामले में पुलिस ने केवल दिनेश को ही आरोपी बनाते हुए चालान पेश किया तो न्यायालय ने यह कहते हुए चालान वापस कर दिया था कि दूसरे आरोपी के खिलाफ भी चालान पेश किया जाए। पुलिस ने वोटर लिस्ट के आधार पर आरोपी के फोटो का मिलान किया तो फोटो मैच हो गया इसके बाद उसने आरोपी को दबोच लिया था।