6 साल में 2 करोड़ 78 लाख जमा : नगर निगम द्वारा भवन निर्माण की अनुमति के समय भवन के आकार के अनुसार वाटर हार्वेस्टिंग का शुल्क लिया जाता है। बीते 6 साल में निगम ने 2 करोड़ 78 लाख 54 हजार 400 रुपए जमा करवाए हैं। वर्ष 2013-14 में 541 भवनों से 58 लाख 90 हजार, वर्ष 2014-15 में 531 भवन स्वामियों से 56 लाख 4 हजार, वर्ष 2015-16 में 342 भवनों के लिए 34 लाख 79 हजार, वर्ष 2016-17 में 395 भवन के लिए 42 लाख 3 हजार रुपए, 2017-19 में 808 भवनों के लिए 86 लाख 78 हजार रुपए का शुल्क वसूला गया। शुल्क वसूलने के बाद निगम ने इन भवनों का निरीक्षण तक नहीं किया और न ही इन्हें वाटर हार्वेस्टिंग के लिए पे्ररित किया।
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यह है शुल्क : नगर निगम द्वारा वाटर हार्वेस्टिंग के लिए भवन निर्माण की अनुमति देते समय शुल्क लिया जाता है। इसके अनुसार 140 से 200 वर्ग मीटर के लिए 7000, 201 से 300 वर्गमीटर के लिए 10000, 301 से 400 तक 12000, 401 से अधिक के लिए 15000 रुपए शुल्क वसूल किया जाता है।
800 घरों पर लगाए निशान : नगर निगम ने दो वर्ष में बने भवन जिनमें वाटर हार्वेस्टिंग नहीं है, उन्हें चिन्हित किया है। ऐसे 800 भवन हैं जिन पर निगम ने लाल निशान लगाकर संबंधित को नोटिस देकर जल्द वाटर हार्वेस्टिंग कराने के निर्देश दिए हैं। वाटर हार्वेस्टिंग नहीं कराने वाले भवन स्वामियों के खिलाफ नगर निगम द्वारा अब कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा ने बताया वाटर हार्वेस्टिंग के लिए दो वर्ष में बने सभी भवनों पर निशान लगा दिए हैं। अगर इन्होंने वाटर हार्वेस्टिंग नहीं कराई तो निगम द्वारा इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जो लोग वाटर हार्वेस्टिंग कराना चाहते हैं उन्हें निगम द्वारा परामर्श दिया जा रहा है।