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MP में गिरते तापमान से खिले किसानों के चेहरे,मौसम वैज्ञानिकों ने भी की यह भविष्यवाणी

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के विपरीत बारिश लगातार दूसरे दिन भी जारी रही।

ग्वालियरDec 07, 2017 / 08:27 pm

monu sahu

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ग्वालियर। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के विपरीत बारिश लगातार दूसरे दिन भी जारी रही। मंगलवार को बादल और रिमझिम बारिश से शुरू हुए बदलाव में बुधवार को बादल तो दिनभर छाए रहे,लेकिन शाम के वक्त रिमझिम के बाद मध्यम बारिश हुई। माना जा रहा है कि दो दिन में तीन-चार एमएम बारिश हो सकती है। बारिश जारी रहने से तापमान में शाम को और गिरावट दर्ज की गई। जिससे शीतलहर बढऩे के आसर भी नजर आने लगे हैं। अंचल के शिवपुरी में रिमझिम बारिश के बीच चलीं ठंडी हवाओं ने मौसम को कूल कर दिया। शाम होते ही वातावरण में इतनी ठंडक घुल गई कि कई जगह लोग अलाव तापते नजर आए। मौसम के बदले मिजाज ने जहां लोगों के शरीर पर गर्म कपड़ों का बोझ बढ़ा दिया।
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वहीं किसानों के चेहरे पर खुशी झलकने लगी, रिमझिम बूंदाबांदी से चना सहित गेहूं व सरसों को भी लाभ होगा। अंचल के दतिया में बुधवार का दिन लोगों के लिए ठंड का पहला दिन साबित हुआ। सुबह से ही आसमान में बादलों का छाना शुरू हुआ तो दिन भर किसी को सूर्यदेव के दर्शन नहीं हो सके। इतना ही नहीं कई बार दिन में पानी की बौछार भी पड़ी। शाम होते-होते इंदरगढ़,गोराघाट समेत कई इलाकों में बारिश तक हो गई। इससे किसानों के चेहरे खिल गए।
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हालांकि दिन में धूप न निकलने के कारण शीत लहर ने भी अपना असर दिखाया। एक ही दिन में बढ़ी हुई ठंड का आलम यह रहा कि 24 घंटे में ही तापमापी का दिन का पारा ढाई डिग्री नीचे चला गया। मौसम ने आज फिर पैंतरा बदल दिया। सुबह जैसे ही लोगों की आंख खुली तो आसमान में घने बादल छाए हुए थे। हलका सा कोहरा भी था। सूर्य देव आसमान में ऊपर की ओर तो चले पर दिन भर किसी को दिखे नहीं क्योंकि सुबह से शाम तक घने बादल छाने से वे बादलों के आगोश में रहे।
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इस दौरान सर्द हवाएं भी चलीं जिससे बचने के लिए लोगों क ऊनी कपड़ों व आग का सहारा भी लेना पड़ा। सुबह से ही आसमान में बादलों का डेरा रहने से लोगों को ज्यादा ठंड का अहसास तो रहा ही दिन में कई बार बारिश जैसे हालात बने। हलकी बूंदाबांदी के बीच लोगों को बरसात से बचने का इंतजाम करते देखा गया। हैरानी की बात यह है कि मंगलवार को जहां तापमापी का अधिकतम पारा 24 डिग्री पर था जो कि डाई डिग्री घटकर 21.7 डिग्री पर जा टिका।
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हालांकि इस तरह का मौसम किसानों के लिए फायदे मंद साबित है क्योंकि इससे जमीन में नमी रहेगी और फसलों को लाभ होगा। किसान नारायण सिंह ने बताया कि वक्त तो यह पानी नहीं अमृत की बारिश हो रही है। इससे जहां सरसों और चने सहित रबी की सभी फसलों को लाभ होगा वहीं बोवनी भी गति पकड़ जाएगी। गेहूं की बोवनी का रकबा लक्ष्य से पीछे चल रहा है। सरसों पहले ही पलेवा समय पर नहीं हो पाने से बोवनी के लक्ष्य से पिछड़ गई है।
गेहूं अभी १४४१६ हेक्टेयर से पिछड़ा है जबकि सरसों की बोवनी १०८९२ हेक्टेयर से पिछड़ी है। सरसों की बोवनी का समय बीत चुका है वहीं गेहूं की बोवनी का आंकड़ा लक्ष्य से ऊपर निकल सकता है। मसूर ४०० के विरुद्ध ४१८ हेक्टेयर में बोई जा चुकी है, जबकि बाकी सभी फसलों की बोवनी लक्ष्य से पीछे है। आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र के तापमामी केंद्र पर मंगलवार को प्राप्त पूर्वानुमान में बादलों की संभावना तो बताई गई थी, बारिश की उम्मीद नहीं थी।
इसके विपरीत बुधवार को शाम के वक्त बारिश होती रही। दिनभर धूप नहीं निकली। तापमान भी २५ डिग्री सेल्सियस के करीब रहने की उम्मीद जताई गई थी, जबकि यह पारा २१ डिग्री पर पहुंच गया है। तकनीकी अधिकारी डॉ. हरवेंद्र सिंह के अनुसार बारिश ज्यादा होने की उम्मीद नहीं है। सात व आठ दिसंबर को मध्यम,नौ को छुटपुट बादलों के बाद १० दिसंबर को मौसम साफ होने का अनुमान है।
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