48 घंटो बाद फिर बारिश
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार एक साथ तीन सिस्टम बनने की बजह से प्रदेश में बारिश (Rainfall) हो सकती है। एक सिस्टम अरब सागर के मध्य में बना है जहां कम दवाब का क्षेत्र बनने से बदलाव हुआ है। दूसरा सिस्टम राजस्थान में बना है जहां ऊपरी हवा का चक्रवात बन गया है। तीसरा सिस्टम जम्मू-कश्मीर पर बनने के चलते हवाओं का रुख दक्षिण और दक्षिण-पश्चिमी हो गया है। प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र सहित कई इलाकों में बारिश का सिलसिला जारी है। 22 नवम्बर से बारिश की संभावना जताई जा रही है।
बर्फबारी का असर
भोपाल से मौसम विज्ञानी एके शुक्ला ने बताया कि एक पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान के आसपास पहुंच गया है, वहीं एक कम दबाव का क्षेत्र अरब सागर में बनेगा, जिसके गहराने की संभावना है। मध्य प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में 3 दिन बाद फिर तेज ठंड का दौर शुरू होगा। मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण हुई बर्फबारी का असर 21 नवंबर से पड़ने के आसार हैं। इसके कारण भोपाल सहित मालवा, निमाड़, महाकौशल, विंध्य, बुंदेलखंड, ग्वालियर-चंबल इलाकों के शहरों व कस्बों में रात के तापमान में 3 डिग्री तक गिरावट हो सकती है।