जानकारी के अनुसार मथुरा निवासी सुदर्शन केरला एक्सप्रेस से अपने परिवार के साथ तिरूपति बालाजी जा रहे थे। वह और उनकी पत्नी एस-2 कोच में थे। उनकी बेटी अैर मामी बी-3 कोच में थे। ग्वालियर स्टेशन पर ट्रेन रुकी तो बेटी कुछ सामान खरीदने के लिए ट्रेन से उतर गई। वह सामान खरीदती रही तभी ट्रेन चल पड़ी। उसे मालूम चला ट्रेन दूर जा चुकी थी।
वह स्टेशन पर बैठकर रोने लगी। उसे रोते देखकर किसी ने रेलवे अधिकारियों को बताया। रेलवे अधिकारी वहां पहुंचे तो युवती ने पूरा मामला बताया। उसकी फोन पर पिता से बात कराई। चूंकि ट्रेन काफी दूर जा चुकी थी। ट्रेन पकडऩा मुश्किल था। इसलिए पिता ने रेलवे अधिकारियों से आग्रह किया कि बेटी को घर किसी तरह घर भिजवा दें। रेलवे अधिकारियों ने उसे ताज एक्सप्रेस से मथुरा के लिए बैठाया और उसे खर्चे के लिए कुछ रुपए भी दिए।