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ग्वालियर

छात्र क्यों हो रहे हैं कोचिंग लेने को मजबूर

विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर की कमी होने का खामियाजा छात्रों को उठाना पड़ रहा है। महंगी-महंगी कोचिंग लेने को छात्र मजबूर हो रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से बीते दिनों चित्रकला डिपार्टमेंट में अतिथि विद्वान की नियुक्त को लेकर इंटरव्यू किए गए। लेकिन भर्ती नहीं हुई।

ग्वालियरOct 18, 2019 / 12:07 am

राजेश श्रीवास्तव

छात्र क्यों हो रहे हैं कोचिंग लेने को मजबूर

छात्र क्यों हो रहे हैं कोचिंग लेने को मजबूर

ग्वालियर. विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर की कमी होने का खामियाजा छात्रों को उठाना पड़ रहा है। महंगी-महंगी कोचिंग लेने को छात्र मजबूर हो रहे हैं। इसका एक उदाहरण राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय का है। जहां विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से बीते दिनों चित्रकला डिपार्टमेंट में अतिथि विद्वान की नियुक्त को लेकर इंटरव्यू किए गए। इंटरव्यू के दौरान कई लोगों ने अपने-अपने बायोडाटा दिए। इसके बाद चयन समिति का गठन किया गया। इस चयन समिति में कई लोगों पर डिस्क्शन किया गया। जिन लोगों को स्वयं के नियुक्ति की आस बनी हुई। वह लोग आए दिन विश्वविद्यालय में कुलसचिव के चेम्बर के चक्कर काट रहे हैं। ऐसे लोगों को संतोषजनक जवाब दिया जाना उचित नहीं समझा जा रहा है। इससे विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने वाले छात्रों के अध्ययन पर सीधे तौर पर असर पड़ रहा है। छात्रों द्वारा मजबूरी में विश्वविद्यालय में जिन कोर्स पर अतिथि विद्वान तैनात नहंीं है उन के कोचिंग लेने पर मजबूर किया जा रहा है।
राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय ग्वालियर में बीते दिनों अलग-अलग विभागों में अतिथि विद्वान की नियुक्ति को लेकर विज्ञाप्ति जारी की गई थी। इसके बाद इंटरव्यू के लिए कॉल किए गए। इंटरव्यू लिए गए। अब कुछ नियुक्तियां अटका दी गई है। इसके लिए विश्वविद्यालय पुन: विज्ञाप्ति जारी करने की प्लानिंग कर रहा है।
कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा
-मेरे द्वारा इंटरव्यू दिया गया था। यह बात करीब तीन से चार महीने पुरानी हो गई है। अब तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। कई बार कुलसचिव के पास भी गई वह एचओडी के पास भेज देते हैं, जबकि नियुक्ति इन्हीं के द्वारा की जानी है।
डॉ. अमिता खरे, आवेदक
जरूरत के हिसाब से की जाती नियुक्ति
-विभाग के एचओडी द्वारा नियुक्ति को लेकर कोई मांग नहीं की गई। विभाग में पीएचडी स्कॉलरशिप द्वारा पढ़ाया जा रहा है। इसलिए नई नियुक्ति नहीं की गई।
अजय शर्मा, कुलसचिव, राजा मानसिंह तोमर, संगीत एवं कला विश्वविद्यालय

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