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ग्वालियर

फिंगर प्रिंट अपराधों पर काबू पाने के लिए क्यों है अहम?

वर्तमान में प्रदेश स्तर पर अपराधियों का रिकॉर्ड जमा किया जा चुका है। आने वाले समय में एनसीआरबी के जरिए इसे राष्ट्रीय स्तर पर जोड़ा जा रहा है, इससे किसी भी अपराधी के बारे में ऑनलाइन जानकारी मिल सकेगी

ग्वालियरFeb 16, 2020 / 12:59 am

राजेश श्रीवास्तव

फिंगर प्रिंट अपराधों पर काबू पाने के लिए क्यों है अहम?

फिंगर प्रिंट अपराधों पर काबू पाने के लिए क्यों है अहम?

ग्वालियर. अपराधियों को अंजाम तक पहुंचाने में फिंगर प्रिंट की अहम भूमिका होती है, समय के साथ इसे तकनीकी तौर पर और मजबूत किए जाने की जरूरत है। हालांकि पुराने दौर की तुलना में फिंगर प्रिंट के क्षेत्र में काफी विकास भी हुआ है। आने वाले समय में ऑनलाइन यह पता लगाया जा सकेगा कि अपराधी किस प्रदेश का रहने वाला है और किस तरह के अपराधों में लिप्त रहा है।
अपराधों की विवेचना में फिंगर प्रिंट की क्या भूमिका रहती है। किस तरह अपराधियों की पहचान में अंगुल चिह्न सहायक होते हैं?
फिंगर प्रिंट से अपराधी की कुंडली तैयार होती है। इस प्रक्रिया के जरिए कई अपराधी पकड़े गए हैं। किसी भी अपराध में अपराधी तक पहुंचने, उसकी पहचान के लिए घटना स्थल से उसके फिंगर प्रिंट लिफ्ट किए जाते हैं। चांस प्रिंट को कलेक्ट कर स्टोर किया जाता है। रिकॉर्ड में दर्ज पुराने प्रिंट से उनका मिलान किया जाता है, अगर अपराधी पेशेवर है, रिकॉर्ड में उसके फिंगर प्रिंट हैं तो उसके बारे में सारा ब्योरा मिल जाता है। इसके अलावा जब अपराधी पकड़ा जाता है तो घटनास्थल से मिले फिंगर प्रिंट उसके खिलाफ पुख्ता सबूत होते हैं।
वर्तमान में फिंगर प्रिंट विभाग की क्या स्थिति है, इसमें विकास की और क्या जरूरत है?
कुछ साल पहले तक फिंगर प्रिंट कलेक्शन के लिए फोटोग्राफी के भरोसे रहना पड़ता था। अगर घटना स्थल पर फोटो साफ आ गया तो अपराधी के अंगुल चिह्न भी उभर कर दिखते थे। लेकिन अब फोटोग्राफी की जरूरत नहीं है, इसे भी डिजिटल किया जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश स्तर पर अपराधियों का रिकॉर्ड जमा किया जा चुका है। आने वाले समय में एनसीआरबी के जरिए इसे राष्ट्रीय स्तर पर जोड़ा जा रहा है, इससे किसी भी अपराधी के बारे में ऑनलाइन जानकारी मिल सकेगी। अपराधी किसी भी प्रदेश का हो उसका डाटा उपलब्ध रहेगा।
संसाधनों और बल के लिहाज से विभाग की क्या जरूरतें हैं?
घटना स्थल पर पॉवडर के जरिए डवलप करने की सुविधा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी विकास हुआ है। ऐसे लैंस का इस्तेमाल हो रहा है जो घटना स्थल पर अपराधी के फिंगर प्रिंट चिह्नित कर लेता है।

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