नर्सिंग होम की लापरवाही से महिला की मौत, कोर्ट ने कहा दो हर्जाना
जिला उपभोक्ता फोरम ने शांता नर्सिंग होम को आदेश दिए हैं कि उनके यहां उपचार के लिए भर्ती महिला के उपचार में की गई कमी के लिए उपचार में हुए व्यय की आंशिक राशि 60 हजार रुपए परिवादी को तीस दिन में अदा करे

ग्वालियर. जिला उपभोक्ता फोरम ने शांता नर्सिंग होम को आदेश दिए हैं कि उनके यहां उपचार के लिए भर्ती महिला के उपचार में की गई कमी के लिए उपचार में हुए व्यय की आंशिक राशि 60 हजार रुपए परिवादी को तीस दिन में अदा करे।
उपभोक्ता फोरम ने अपने आदेश में कहा कि परिवादी को अस्पताल में भर्ती करते समय उपचार देने के बाद कमियां पाई गई थीं। इस कारण उसे हायर सेंटर के लिए रैफर किया गया था। ग्वालियर निवासी सपना जैन पत्नी विकास जैन को 27 अगस्त 2015 को गर्भवती अवस्था में शांता नर्सिंग होम पाटणकर बाजार में डिलीवरी के लिए भर्ती किया गया। डिलीवरी में शांता नर्सिंग होम की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. शांता गुप्ता द्वारा डिलीवरी कराई गई और इस दौरान उनकी बहू की सेवाएं ली गईं। डिलीवरी होने के पश्चात रोगी के टांको से खून निकलता रहा और उसकी पेशाब आना बंद हो गई इस कारण रोगी को नवजीवन हॉस्पिटल ग्वालियर में रेफर किया गया था। नवजीवन हॉस्पिटल द्वारा 5 घंटे के पश्चात जेएएच हॉस्पिटल में रेफर कर दिया। हॉस्पिटल से मृतका के परिजन उपचार करवाने के लिए सपना को सर गंगाराम हॉस्पिटल दिल्ली ले गए जहां उसका 2 महीने तक उपचार हुआ अत्यधिक रक्तस्राव एवं डीआइसी के कारण मृतका की किडनी खराब हो गई थी और रोगी डायलिसिस पर निर्भर हो गई थी।
ग्वालियर में शिकायत
ग्वालियर आ कर सपना जैन ने कंजूमर फोरम में शिकायत प्रस्तुत की थी। सुनवाई के दौरान सपना जैन की मृत्यु हो गई तब शिकायत का संचालन मृतका के पति विकास जैन और पुत्र ईशान जैन द्वारा किया गया।
हॉस्पिटल की लापरवाही से मौत
शिकायतकर्ता का कहना था कि शांता नर्सिंग होम में सपना जैन को भर्ती कर लिया गया किंतु उनके हॉस्पिटल में आईसीयू एवं अन्य विशेषज्ञ चिकित्सक ना होने से तथा डिलीवरी के दौरान प्लेसेंटल मटेरियल गर्भाशय में ही छोड़ दिए थे उक्त प्लेसेंटा मटेरियल के कारण लगातार ब्लीडिंग होती रही और डीआइसी हो गई जिससे अधिक रक्तस्राव होता होता रहा इस कारण सपना जैन की किडनी पर दुष्प्रभाव पड़ा। सर गंगा राम हॉस्पिटल जांच में पता चला कि रोगी सपना के गर्भाशय में रिटेन प्रोडक्ट ऑफ कॉन्सेप्शन मौजूद है जिसे ऑपरेशन कर निकाला गया। उपभोक्ता फोरम ने डिलीवरी के दौरान रिटेन प्रोडक्ट ऑफ कॉन्सेप्शन छूट जाने एवं गर्भाशय की सही सही ढंग से सफाई ना होने एवं आइसीयू की सुविधा ना होने के उपरांत भी रोगी को पूर्व में ही किसी अच्छे हॉस्पिटल में रेफर न करने को सेवा में कमी मानते हुए शांता नर्सिंग होम को उक्त आदेश दिए हैं। प्रकरण में शिकायतकर्ता की ओर से पैरवी मनोज उपाध्याय एवं पंकज जैन एडवोकेट ने की।
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