MUST READ : कई दिनों अटका था रिजल्ट, छात्र ने फिर उठाया ऐसा कदम कि डेढ़ घंटे में रिजल्ट घोषित करने पर मजबूर हुई यूनिवर्सिटी यही वजह है कि लगभग डेढ़ घंटे बाद बीएमओ ने तत्काल टीम भेजकर ग्रामीणों की मदद से शौचालय का गड्ढा तुड़वाया और नवजात को बाहर निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया।बताया गया है कि वि
जयपुर से लगभग छह किलोमीटर दूर ग्राम बांगरोद में 23 वर्षीय महिला पपीता पत्नी घनश्याम गुर्जर मंगलवार सुबह साढ़े 11 बजे लघुशंका के लिए टॉयलेट में गई तभी, उसका प्रसव हो गया और नवजात बालिका टॉयलेट की सीट में गिरकर गड्ढे में चली गई।
बताया गया है कि महिला ने डरकर ये बात परिजनों को नहीं बताई, लेकिन हालत बिगड़ती देख परिजनों ने जननी एक्सप्रेस बुलवाई और दोपहर 12 बजे वि
जयपुर अस्पताल लाया गया। यहां डॉक्टरों और नर्सों ने जांच में पाया कि महिला के पेट में बच्चा नहीं है और प्रसव पहले ही हो चुका है तो महिला से पूछा गया, तब उसने घटना बताई।
MUST READ : फोटो में दिख रही कार की हालत बता देगी कि इसमें बैठे लोगों का हाल क्या हुआ होगा महिला की बात सुनकर लगभग 12:३० बजे तत्काल जननी एक्सप्रेस को गांव में भेजा गया और महिला के बताए अनुसार टॉयलेट का गड्ढा खोदा, जिसमें नवजात बालिका जीवित निकली। नवजात बालिका को मौके पर ही ऑक्सीजन दिया गया और वि
जयपुर अस्पताल में लाया गया। जहां अब बालिका स्वस्थ है और उसका वजन लगभग साढ़े तीन किलो है। परिजनों के मुताबिक महिला मानसिक रूप से कमजोर है और डर की वजह से उसने सही स्थिति नहीं बताई। वहीं महिला का पति बेंगलूरु में मजदूरी करता है।
“महिला को जब अस्पताल लाया गया उससे पहले ही उसका प्रसव हो गया, जो नर्सों की जांच में दिखा। जिसके बाद महिला से पूछा तो उसने बताया कि टॉयलेट करने गई थी, तभी प्रसव हो गया और बच्चा गड्ढे में गिर गया और डर की वजह से परिजनों को नहीं बताया, लेकिन हमने महिला के बताए अनुसार गड्ढा खुदवाकर नवजात को निकलवाया और पुलिस को भी इन्फॉर्म कर दिया है।”
डॉ. अशोक खरे, प्रभारी बीएमओ, विजयपुर MUST READ : सरकार के खिलाफ हुए सहरिया युवा,अपनी इस मांग को लेकर 1 सितंबर से भोपाल में देंगे धरना “महिला को जब अस्पताल लाया गया उससे पहले ही उसका प्रसव हो गया, जो नर्सों की जांच में दिखा। जिसके बाद महिला से पूछा तो उसने बताया कि टॉयलेट करने गई थी, तभी प्रसव हो गया और बच्चा गड्ढे में गिर गया और डर की वजह से परिजनों को नहीं बताया, लेकिन हमने महिला के बताए अनुसार गड्ढा खुदवाकर नवजात को निकलवाया और पुलिस को भी इन्फॉर्म कर दिया है।”
डॉ. अशोक खरे, प्रभारी बीएमओ, विजयपुर “मामला संदिग्ध है क्यों कि तीन-साढ़े तीन किलो का बच्चा सीट में गिरना संभव नहीं है, केवल प्री-मेच्योर बेबी ही सीट में गिर सकता है। बच्चे की गर्भनाल जो मां से जुड़ी होती है, उसके बिना काटे अलग होना भी संभव नहीं है।”
डॉ.एनसी गुप्ता, सीएमएचओ श्योपुर