इसके बाद राजेन्द्र सिकरवार तथा प्रीति के ससुराल पक्ष के लोगों ने थाने पहुंचकर उसकी गुमशुदगी भी दर्ज कराई। इसी बीच १४ नवंबर को बिण्डवा गांव के पास खेत में करब के जले हुए ढेर में एक महिला की लाश मिली। तो लापता प्रीति के पिता ने दावा किया कि वह उनकी बेटी प्रीति की लाश है।
उन्होंने यह आशंका भी जताई कि ससुराल पक्ष के लोगों ने प्रीति की हत्या कर दी है, लेकिन पुलिस फिलहाल इन दोनों मामलों को लेकर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है। वजह है कि उसे न तो लापता प्रीति के बारे में कोई सुराग मिला है, न करब में मिली झुलसी हुई लाश की पहचान हो सकी है। पुलिस का कहना है कि सिर्फ प्रीति के पिता के बयान के आधार पर कोई कार्रवाई करना उचित नहीं होगा। जब तक यह पुष्टि नहीं हो जाती कि झुलसी हुई लाश, लापता प्रीति की ही है, तब तक कुछ भी नहीं किया जा सकता।
डीएनए रिपोर्ट का इंतजार
जली हुई लाश प्रीति की ही है, इसका पता लगाने के लिए पुलिस ने उसका सैंपल डीएनए टेस्ट के लिए भेजा है। पुलिस के मुताबिक मृत महिला की अधिकृत तौर पर शिनाख्त नहीं हुई है, लेकिन लापता महिला के पिता उसे अपनी बेटी की लाश बता रहे हैं, इसलिए डीएनए टेस्ट कराने का निर्णय लिया गया। डीएनए रिपोर्ट आने में अभी लगभग १० दिन और लग सकते हैं। हालांकि इस बीच यदि कोई और एवीडेंस मिलेगा तो उसके आधार पर भी कार्रवाई की जाएगी।
बेटे का भी नहीं लगा सुराग
फूलसहाय का पुरा से लापता हुई प्रीति के मासूम बेटे का भी अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। उल्लेखनीय है कि विवाहिता प्रीति के दो बेटे हैं। प्रीति के पिता राजेन्द्र सिंह सिकरवार का कहना है कि ससुराल वालों के मुताबिक वह अपने साथ छोटे बेटे को भी ले गई थी। सवाल यह उठता है कि यदि करब में झुलसी मिली लाश प्रीति की है तो फिर उसका बेटा कहां गया। पुलिस के पास भी इस सवाल का फिलहाल कोई जवाब नहीं है।
“लापता प्रीति के बारे में अभी तक कुछ भी पता नहीं चला है। १४ नवंबर को बिण्डवा में मिली जली हुई लाश का सैंपल डीएनए जांच के लिए भेजा गया है। इसके बाद ही पता चल सकेगा कि वह लाश प्रीति की थी या किसी और की। इसके बाद ही कुछ कार्रवाई की जा सकेगी।”
पारथ सिंह परिहार, थाना प्रभारी महुआ