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ग्वालियर

बड़ी खबर : महिलाओं की जान का दुश्मन बना दहेज,चार महानगरों में ग्वालियर अव्वल,यहां देखे लिस्ट

हर महीने दो महिलाओं की दहेज प्रताडऩा से तंग आकर हो रही मौत

ग्वालियरSep 14, 2018 / 06:26 pm

monu sahu

Woman burnt for dowry

बड़ी खबर : महिलाओं की जान का दुश्मन बना दहेज,चार महानगरों में ग्वालियर अव्वल,यहां देखे लिस्ट

ग्वालियर। दहेज प्रथा रोकने के लिए कई कानून बनाकर सजा का कड़ा प्रावधान किया गया। कई हेल्पलाइन भी शुरू की गई। कुछ सामाजिक संगठनों ने भी आगे आकर काम किया। इसके बाद भी दहेज लोभियों पर लगाम नहीं कसी जा सकी है। दहेज की प्रताडऩा सहते-सहते कई महिलाओं ने मौत को गले लगा लिया तो कई महिलाओं की उनके ससुरालवालों ने ही जान ले ली। प्रदेश के चार बड़े महानगरों की बात करें तो दहेज हत्या में ग्वालियर राजधानी भोपाल से भी आगे निकल गया है।
1 जनवरी से 31 जून तक जिले में दहेज हत्या के 12 मामले दर्ज हुए है। जबकि भोपाल में 7 एफआईआर हुई। इंदौर बराबरी पर है। जबलपुर में 9 मामले दर्ज हुए। यानि हर महीने ग्वालियर में दो दहेज हत्या हुई। यह तो सिर्फ वो मामले है जो थानों में दर्ज हुए है। एेसे और भी मामले होगे जो घर की चार दीवारी में सिमट गए। थानों तक आ ही नहीं सके।
ये है मामला

उपनगर ग्वालियर निवासी राखी की शादी ब्रजेन्द्र के साथ हुई थी। शादी के कुछ दिन सब ठीक चला। बाद मे ससुराल वाले उसे दहेज के लिए प्रताडि़त करने लगे। प्रताडऩा जब ज्यादा होने लगी तो राखी ने खुद को आग लगा ली। पुलिस के पास मामला आया तो जितेन्द्र,कमला, राकेश,विजय पर एफआइआर हुई।
चीनोर में पूनम देवी और उनकी डेढ़ साल की बेटी का शव घर में जली हालत में मिला था। मौके से केरोसिन की कट्टी भी मिली थी। मायके वालों का कहना था ससुरालवाले पूनम को दहेज के लिए परेशान करते थे। उन्होंने दहेज हत्या का आरोप लगाया था। पुलिस ने पति, सास, ससुर पर दहेज हत्या का मामला दर्ज किया था।
नवविवाहित जोड़ों के लिए सेमिनार
इस तरह के मामलों को रोकने के लिए नवविवाहित जोड़ों के लिए महिला बाल विकास या अन्य किसी विभाग को सेमिनार का आयोजन कराना चाहिए। जिसमें मनो वैज्ञानिक, काउंसलर, महिला पुलिस अधिकारी के अलावा कुछ गणमान्य नागरिक शामिल होना चाहिए। उन्हें जोड़ों को संस्कृति के अलावा जीवन जीने का तरीका बताना चाहिए। उन्हें बताया जाए कि पति-पत्नी के बीच मनमुटाव होने पर कैसे सुलझाया जाए।

60 प्रतिशत मामले मध्यम वर्गीय परिवार से
ग्वालियर में 181 दिन में जो भी दहेज हत्या के मामले दर्ज हुए उनमें 60 प्रतिशत मामले मध्यमवर्गीय परिवार से है। कुछ मामलों में पति चार पहिया वाहन की मांग के लिए पत्नी पर दबाब डाल रहा था तो कुछ मामलों में ससुरालवाले की बहू के घरवालों से अपेक्षाएं काफी ज्यादा थी। इस पर घर में झगड़े हुए और महिला की जान चली गई।
एेसे हुई दहेज हत्या
महीना ग्वालियर इंदौर भोपाल जबलपुर
जनवरी 1 – ० 3
फरवरी 4 2 1 –
मार्च 2 2 3 3
अप्रैल 2 1 1 –
मई 1 2 1 2
जून 2 5 1 1

“महिला संबधी अपराधों की लगातार मॉनिटरिंग होती है। काफी हद तक दहेज हत्या के मामलों में लगाम कसी है। इसके अलावा लोगों को जागरूक होना भी जरूरी है। तभी एेसे मामलों को रोका जा सकता है।”
अशोक गोयल, डीआईजी महिला सेल

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