इस तरह के मामलों को रोकने के लिए नवविवाहित जोड़ों के लिए महिला बाल विकास या अन्य किसी विभाग को सेमिनार का आयोजन कराना चाहिए। जिसमें मनो वैज्ञानिक, काउंसलर, महिला पुलिस अधिकारी के अलावा कुछ गणमान्य नागरिक शामिल होना चाहिए। उन्हें जोड़ों को संस्कृति के अलावा जीवन जीने का तरीका बताना चाहिए। उन्हें बताया जाए कि पति-पत्नी के बीच मनमुटाव होने पर कैसे सुलझाया जाए।
60 प्रतिशत मामले मध्यम वर्गीय परिवार से
ग्वालियर में 181 दिन में जो भी दहेज हत्या के मामले दर्ज हुए उनमें 60 प्रतिशत मामले मध्यमवर्गीय परिवार से है। कुछ मामलों में पति चार पहिया वाहन की मांग के लिए पत्नी पर दबाब डाल रहा था तो कुछ मामलों में ससुरालवाले की बहू के घरवालों से अपेक्षाएं काफी ज्यादा थी। इस पर घर में झगड़े हुए और महिला की जान चली गई।
महीना ग्वालियर इंदौर भोपाल जबलपुर
जनवरी 1 – ० 3
फरवरी 4 2 1 –
मार्च 2 2 3 3
अप्रैल 2 1 1 –
मई 1 2 1 2
जून 2 5 1 1 “महिला संबधी अपराधों की लगातार मॉनिटरिंग होती है। काफी हद तक दहेज हत्या के मामलों में लगाम कसी है। इसके अलावा लोगों को जागरूक होना भी जरूरी है। तभी एेसे मामलों को रोका जा सकता है।”
अशोक गोयल, डीआईजी महिला सेल