आखिरकार वह साल भी आया और वर्ष 2012 में तैराकी प्रतियोगिता में विक्रम अवार्ड मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान के हाथों लेकर माता-पिता का नाम रोशन किया। संघर्ष के दम पर सफलता की कहानी गढऩे यह युवती ने एक मिशाल पेश की है। वर्ष 2008 में एलएनआईपीई में स्वीमिंग प्रशिक्षक वीके डवास ने दिव्यांग बच्चों के लिए थैरपी कराने के लिए स्वीमिंग प्रोग्राम शुरू किया था।
काम ,कम आएगा बिजली का बिल,ऐसे समझे पूरा गणित यह स्वीमिंग प्रोग्राम ने हिस्सा दिलाने के लिए रजनी के पिता भैरव कुमार झा ले गए। उस समय रजनी की उम्र छह साल थी। इसके बाद वो तैराकी प्रतियोगिता में अव्वल रहने लगी। लगन और संघर्ष रजनी ने जारी रखा। साथ ही उच्च शिक्षा प्राप्त करने,प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने जैसे खर्च उठाने के लिए रजनी ने खुद प्राइवेट नौकरी की और तैराकी को जारी रखा।
श्रीदेवी की मौत के बाद आई अब तक की सबसे बड़ी खबर वर्ष 2012 में राज्यस्तरीय विक्रम अवार्ड मिला। इसी समय स्नातक की पढ़ाई पूरी होने पर वर्ष 2013 में
मध्य प्रदेश राज्य परिवहन निगम में लिपिक की नौकरी मिल गई। रजनी के संघर्ष में उनकी मां रेखा ने पूरा सहयोग किया।