वीरेन्द्र पांच भाई है। एक भाई जागृति नगर में दूसरा शंकरपुर कॉलोनी में किराए से रहते हैं। वीरेन्द्र ट्रक पर क्लीनरी करता था। इसलिए अकसर बाहर ही रहता था। ग्वालियर में वह बड़े भाई केदार के घर रुकता था। पिछले एक महीने से वह ड्राइवर चरणदास के साथ महाराष्ट्र के टूर पर था।
करीब चार दिन पहले ही वह ट्रक से ग्वालियर उतर गया। रविवार सुबह टहलने के लिए लोग निकले तो उन्होंने पेड़ पर शव को लटका देखा। उन्होंने पुलिस को खबर दी। कुछ देर बाद पुलिस आ गई। शव को नीचे उतारकर उसकी पहचान की।
भाभी ने हड़पे 1 लाख 90 हजार रुपए
कपड़ों की तलाशी में वीरेन्द्र की जेब से सुसाइड नोट भी मिला है। सुसाइड नोट में उसने अपनी भाभी को दोषी बताया है। उसने लिखा कि भाभी ने उससे अपने भाई भगवत को करीब १ लाख ९० हजार रुपए उधार दिलवाए थे। कई बार भाभी और उनके भाई से रकम वापस करने को कहा। लेकिन वह पैसे नहीं लौटा रहे थे।
रात १० बजे ड्राइवर से हुई बात
वीरेन्द्र अक्सर चरणदास के साथ ही ट्रक पर चलता था। चरणदास उसके गांव का ही रहने वाला है। चार दिन पहले महाराष्ट्र से लौटा तो वीरेन्द्र ग्वालियर उतर गया। चरणदास ट्रक लेकर निकल गया। शनिवार रात करीब १० बजे चरणदास की वीरेन्द्र से फोन पर बातचीत हुई थी। उससे कहा था वह लौट रहा है तो उसके साथ गाड़ी पर चलना है। कुछ देर बातचीत के बाद फोन काट दिया।
“प्रारंभिक दृष्टया वीरेन्द्र ने फांसी लगाई है। सुसाइड नोट पर उसके हस्ताक्षर नहीं हैं। सुसाइड नोट उसने ही लिखा या फिर किसी और ने लिखा है। लिखावट की जांच कराई जाएगी। फिलहाल मर्ग कायम कर लिया है।”
संजीव नयन शर्मा, टीआई जनकगंज