पलायन के दौरान मौत की यह पहली घटना
लॉक डॉउन के बाद बेरोजगार होकर दिल्ली से पैदल आ रहे एक युवक की आगरा के पास मौत हो गई। मुरैनाद जिले के अम्बाह के बडफरा गांव का रहने वाला युवक दिल्ली में टिफिन की होम डिलीवरी का काम करता था। लॉक डाउन के कारण पलायन के दौरान मौत की यह पहली घटना है।
आजीविका कैसे चलेगी
बड़फरा गांव का रहने वाला रणवीर पुत्र रामलाल सखवार 35 वर्ष कई वर्षों से दिल्ली में काम कर रहा था। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए देश में एकदम लॉक डाउन की घोषणा किए जाने के कारण रणवीर का काम बंद हो गया तो रणवीर को चिंता हुई आजीविका कैसे चलेगी।
पैदल ही दिल्ली से रवाना हुआ
रणवीर ने घर जाने का फैसला लिया, लेकिन कोई साधन उपलब्ध नहीं था ऐसे में 27 मार्च को वह पैदल ही दिल्ली से रवाना हो गया। शनिवार को अलसुबह 5:30 बजे अम्बाह में रहने वाली बहन पिंकी के पास एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने बताया कि रणबीर गंभीर रूप से बीमार है इसलिए घर से तत्काल किसी को भेज दिए।
अनुमति लेने एसडीएम के पास गए
सूचना मिलत ही पिंकी के पति प्रमोद सखवार आगरा तक जाने के लिए अनुमति एसडीएम के पास गए, लेकिन जब तक अनुमति मिलती तब तक देर हो चुकी थी। कुछ ही देर बाद परिजनों को सूचना मिली कि रणवीर की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि रणवीर अपने पीछे अपनी पत्नी मामता की जिम्मेदारी पर 3 बच्चे छोड गया। इनमें दो बेटियों के अलावा एक बेटा भी शामिल है। इसके अलावा परिवार में रणबीर के माता पिता भी शामिल है।
भूख प्यास और तनाव से हुई मौत
शानिवार को शाम 5 बजे रणवीर का शव बडफरा गांव पहुंचा। मृतक के जीजा पूर्व पार्षद प्रमोद सखवार ने बताया कि डॉक्टर ने प्रारंभिक तौर पर बताया कि रणबीर की मौत भूख प्यास और तनाव से हुई है। मौत का वास्तविक कारण पीएम रिपोर्ट आने पर पता चलेगा।