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दोनों ने पुलिस को बताया है कि प्रतीक की मौत का जिम्मेदार उसका चचेरा भाई गौरव अग्रवाल ही है। उसने पूरे परिवार का जीना ***** कर रखा है। उसकी वजह से ही प्रतीक परेशान था। गौरव आए दिन धमकी देता था कि मकान में हिस्सा दो या 50 लाख रुपए का इंतजाम करो वरना जीने नहीं देगा। इस बात से प्रतीक परेशान हो गया था। जब उसे कुछ समझ में नहीं आया तो उसने ग्वालियर आकर सुसाइड किया।
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परिवार ने मांगी सुरक्षा
परिजन ने पुलिस से कहा है कि गौरव के आतंक से वह तंग आ चुके हैं। उन्हें भी सुरक्षा चाहिए। उधर परिजन के बयान और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर का खुलासा होने के बाद पुलिस को अब कुछ जांच पड़ताल करना बाकी है उसके बाद प्रतीक की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों पर एफआइआर की जाएगी। प्रतीक पुत्र गौरीशंकर अग्रवाल निवासी बड़ा गेट झांसी का शव 9 सितंबर को होटल मस्कॉट के कमरा नंबर 206 में बिस्तर पर पड़ा मिला था।
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प्रतीक रात को होटल में आए थे। उसके बाद उनके कमरे का दरवाजा नहीं खुला। दोपहर तक कमरे में हलचल नही होने पर होटल स्टाफ को शक हुआ तो उन्होंने डुप्लीकेट चाबी से गेट खोला था तब प्रतीक का शव बिस्तर पर पड़ा मिला था। परिजन का कहना था कि प्रतीक सोमवार रात को दिल्ली थोक सामान खरीदने जाते थे। मां आभा को यही बताकर घर से निकले थे कि दिल्ली जा रहे है। सुसाइड से पहले उन्होंने 7 पेज का सुसाइड नोट भी मिला उसमें अपनी मौत के लिए गौरव अग्रवाल को जिम्मेदार ठहराया था।