वजह और साथी का हत्यारे उसका खुलासा नहीं कर रहे हैं। बलराम धाकड़ निवासी ककैटा ने बताया पुलिस उन्हें बता रही है कि २५ अगस्त को बेचे धर्मेन्द्र को हत्यारे नयागांव, पनिहार से उसके साथ बाइक पर बैठकर लाए थे। दोनों हत्यारे धर्मेन्द्र को नयागांव, पनिहार बस स्टैंड पर खड़े मिले थे। उनमें बड़ा गांव ककेटा निवासी शेरू आदिवासी उसके गांव का ही रहने वाला है। इसलिए धर्मेन्द्र उसे जानता था। जबकि दूसरा सूरज आदिवासी निवासी चीनोर है। सूरज और शेरू को भी मोहना जाना था तो बस के इंतजार में थे।
गांव निवासी युवक को देखकर धर्मेन्द्र ने उन्हें बाइक पर बैठा लिया। धर्मेन्द्र के पास करीब १०-१२ हजार रुपया था। घाटीगांव पहुंचकर धर्मेन्द्र ने बाइक में 70 रुपए का पेट्रोल भरवाया। आशंका है कि पेट्रोल का भुगतान करते समय हत्यारों ने उसका पर्स देख लिया, तो उसे लूटने का प्लान बनाया। धर्मेन्द्र शराब का शौकीन भी था। दोनों को उसकी आदत पता थी। इसलिए मोहना पहुंचने से पहले शराब पीने की बात कही। धर्मेन्द्र राजी हो गया तो तीनों ने छककर शराब पी। मोहना पहुंचकर हत्यारों ने गुमटी से गुटखा खरीदा, फिर धर्मेन्द्र से कहा उन्हें प्रीतम फॉर्म रोड तक छोड़ दे। धर्मेन्द्र उनके इरादे नहीं भांप सका।
उन्हें दोस्त समझकर पार्वती नदी के किनारे फार्म तक छोडऩे को राजी हो गया। ठिकाने के लिए रवाना होने से पहले हत्यारों ने उसकी नजर बचाकर 10 रुपए का मिर्ची पावडर भी खरीदा। फिर प्रीतम फार्म रोड पर पहुंचकर धर्मेन्द्र की मारपीट कर उसकी बाइक और पर्स लूटा। लेकिन धर्मेन्द्र हावी हुआ तो आरोपियों ने उसे पटककर पत्थर से कुचल दिया। उसकी बाइक, पर्स और मोबाइल लेकर भाग गए। धर्मेन्द्र की हत्या 25 अगस्त को हुई थी। उसका शव प्रीतम फॉर्म रोड पर पड़ा मिला था।
सीसीटीवी से मिला क्लू
धर्मेन्द्र के अंधे कत्ल में हत्यारों का क्लू पनिहार और घाटीगांव पर लगे सीसीटीवी कैमरों से मिला है। सूत्रों कहना है कि धर्मेन्द्र को आखिरी बार कुछ लोगों ने दो युवकों के साथ बाइक पर जाते देखा था। उसकी हत्या के बाद परिजन और पुलिस को भी बताया था, तो पुलिस ने ग्वालियर से मोहना तक रास्ते में लगे सीसीटीवी के फुटेज खंगाले। इनमें पनिहार थाने और घाटीगांव में पेट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी में दोनों हत्यारे धर्मेन्द्र के साथ बाइक पर जाते दिखे। आरोपियों में एक ककैटा गांव का रहने वाला था। उसका फोटो देखकर गांववालों ने पहचान लिया। पूछताछ में उसने हत्या की हामी भरी और शामिल साथी का नाम पता भी बता दिया।
परिवार को नहीं भरोसा
बाइक,पैसा और मोबाइल मिलने धर्मेन्द्र का परिवार हत्या में दोनों आरोपियों का शामिल होना तो मान रहा है, लेकिन उनकी कहानी पर पूरा भरोसा नहीं कर रहा है। बलराम धाकड़ का कहना है बेटा शरीर में मजबूत था। दोनों युवक उससे कमजोर हैं। उन्हें शक है कि हत्या में कोई और भी शामिल हो सकता है। आरोपी उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
कुछ सुबूत और बाकी
उधर पुलिस आरोपियों को पकडऩे के बाद भी अंधे कत्ल का खुलासा करने से बच रही है,मोहना थाना प्रभारी अमित शर्मा का कहना है कि हत्याकांड में तफ्तीश चल रही है। कुछ लोगों को संदेह के आधार पर पकड़ा है। कुछ सुबूत और जुटाना बाकी है।