कर्जदार बनता गया किसान लगातार फसलें खराब होने से किसान धीरे- धीरे कर्जदार बनता गया। उसने इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक से एक लाख का कर्जा ले रखा था। इसी बीच वह सांस जैसी बीमारी से ग्रस्त हो गया। उपचार करने के लिए उसने ग्रामीणों और गांव के साहूकारों से करीब एक लाख रुपया कर्ज ले लिया। लेकिन बीमारी से मुक्ति नहीं मिली। इसी बीच बैंक और साहूकारों ने उसके ऊपर कर्ज चुकता करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। इससे वह बेहद परेशान हो गया।
कर्ज और बीमारी से टूटा किसान मृतक की पत्नी गोल्डी ने बताया कि यह कर्ज और बीमारी से बेहद टूट गए थे और सुबह से शाम तक गुमसुम रहकर कर्ज अदारगी का रास्ता खोजते रहते थे। जब उन्हें कोई रास्ता नहीं मिला तब उन्होंने सूना घर पाकर फांसी लगकर जीवन लीला समाप्त कर ली। मृत किसान के एक पुत्री संगीता है जिसकी वह शादी कर चुका था। अभी हाल में ग्राम प्रधान की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया था। इसका निर्माण अधूरा है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने बताया कि मृत किसान बेहद गरीब था। बीमारी एवं कर्ज से ऊबकर उसने आत्मघाती कदम उठाया है। पुलिस ने पंचनामा कराकर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। जिसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया है।