मृतका अपने पीछे तीन बेटियों को छोड़ गई है, पति मजदूरी करता है, कोतवाली क्षेत्र के मदारपुर गांव के पप्पू निषाद की पत्नी राजकली 30 गर्भवती थी। सात माह का बच्चा पेट में पल रहा था, लाकडाउन के चलते उसका बीमार होने पर न तो समय पर देखभाल हो सकी न ही उचित इलाज, कल वह जब गंभीर रूप से बीमार हुई तभी परिजन उसे अस्पताल लाए, जिसकी इलाज के दौरान आधा घंटे के अंदर ही उसकी अस्पताल में मौत हो गई।
पति ने बताया कि कई बार पत्नी की हालत बीच में बिगड़ी लेकिन साधनों के अभाव लाक डउन के डर से वह बाहर नहीं निकल सके, बीती रात उसकी जब सांस रुकने लगी और उलझन बढ़ गई, तब आज सुबह उसे उसका पति और परिवार वाले कस्बे के सरकारी अस्पताल लाए, जहां इलाज भी शुरू हुआ लेकिन इलाज के आधा घंटे में ही उसकी अस्पताल में मौत हो गई।
इस संबंध में अस्पताल के अधीक्षक डॉ अनिल सचान ने बताया कि महिला गर्भवती थी और वह बीमार थी। अस्पताल जिस समय बुलाई गई, उसका सांस लेना मुश्किल था। जिसका इलाज भी नहीं हो पाया, उन्होंने महिला को कोरोना जैसी बीमारी होने से इनकार किया। कहा कि उनका इतिहास पता लगाने पर पता चला कि उसके परिवार में कोई भी सदस्य न तो बाहर गया है न बाहर से आया है। इस संबंध में स्थानी कोतवाली पुलिस को सूचना दी गई है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मायके और ससुराल पक्ष के लोगों की मांग पर पंचनामा भर शव को सुपुर्द कर दिया गया।