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हनुमानगढ़

आठवीं किस्त के लिए 19000 करोड़ जारी, आधार बिना हजारों किसानों की अटकी सम्मान निधि

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पुरुषोत्तम झा. हनुमानगढ़. सरकार स्तर पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की आठवीं किस्त जारी कर दी गई है। मगर कागजी पेच के चलते जिले के हजारों किसानों के खाते में सम्मान निधि की राशि अब तक नहीं पहुंच पाई है। केंद्रीय सहकारी बैंक हनुमानगढ़ प्रबंधन स्तर पर इनके दस्तावेजों को पूर्ण करने का प्रयास किया जा रहा है।
 

हनुमानगढ़Jun 18, 2021 / 12:13 pm

Purushottam Jha

आठवीं किस्त के लिए 19000 करोड़ जारी, आधार बिना हजारों किसानों की अटकी सम्मान निधि

आठवीं किस्त के लिए 19000 करोड़ जारी, आधार बिना हजारों किसानों की अटकी सम्मान निधि

आठवीं किस्त के लिए 19000 करोड़ जारी, आधार बिना हजारों किसानों की अटकी सम्मान निधि
-जिले में पीएम किसान सम्मान निधि में पंजीकृत हैं 214784 किसान
-सरकारी कार्यालय स्तर पर बकाया कार्य पूरे नहीं होने से पात्र किसान हो रहे वंचित
हनुमानगढ़. सरकार स्तर पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की आठवीं किस्त जारी कर दी गई है। मगर कागजी पेच के चलते जिले के हजारों किसानों के खाते में सम्मान निधि की राशि अब तक नहीं पहुंच पाई है। केंद्रीय सहकारी बैंक हनुमानगढ़ प्रबंधन स्तर पर इनके दस्तावेजों को पूर्ण करने का प्रयास किया जा रहा है। जिला कलक्टर कार्यालय स्तर पर भी अब इसे गंभीरता से लिया गया है। इसके बाद कलक्टर ने सभी तहसीलदारों को पाबंद किया है कि वह आधार आधारित नाम का मिलान, पीएफएमएस की ओर से विभिन्न कारणों से निरस्त किए आवेदन पत्रों को निर्धारित अवधि में दुरुस्त करवाएं। इसके अलावा सत्यापन के अभाव में रोकी गई किस्त राशि के लिए आवेदन पत्रों का सत्यापन करें। जिले में पीएम किसान सम्मान निधि में कुल २१४७८४ किसान पंजीकृत हैं। इसमें ६२०२ किसान ऐसे हैं जिनके आवेदन में आधार आधारित नाम का मिलान नहीं हो सका है। जबकि यह किसान अन्य सभी पात्रता पूरी करते हैं। इसी तरह २४७२ किसान ऐसे हैं जिनके पीएमएफएस कार्य अधूरा है। जिले में १९३६९ किसानों की किस्तें इसलिए जारी नहीं हो सकी है क्योंकि आवेदन पत्रों का सत्यापन ही नहीं हो पाया है। योजना के तहत किसानों को बीज खरीद सहित अन्य बिजाई कार्य के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष में छह हजार रुपए की राशि दी जाती है। दो-दो हजार रुपए की तीन किस्तों में किसानों को यह भुगतान किया जाता है। गत माह इस योजना में देश के पंजीकृत किसानों को लाभान्वित करने के लिए केंद्र सरकार स्तर पर १९००० करोड़ की राशि जारी की गई है। इसके बाद सभी पात्र किसानों के खातों में यह राशि जमा करवाने में जिला प्रशासन व बैंक के अधिकारी लगे हुए हैं। योजना के क्रियान्वयन के लिए केंद्रीय सहकारी बैंक के एमडी को नोडल प्रभारी नियुक्त किया है।
पंजीयन पर नजर
प्रदेश में लाखों किसानों ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में पंजीयन करवाया है। इसमें हनुमानगढ़ में २१४७८४ किसान शामिल हैं। इसी तरह श्रीगंगानगर के १५६६०८ किसानों ने इस योजना का लाभ लेने के लिए रजिस्टे्रशन करवाया है। कृषि प्रधान इन दोनों जिलों में इस योजना के प्रति किसान खूब रुझान दिखा रहे हैं। मगर कागजी पेज के चलते कई पात्र किसान इस योजना से वंचित हो रहे हैं।
…..फैक्ट फाइल…..
-पीएम किसान सम्मान निधि योजना में हनुमानगढ़ में २१४७८४ किसान पंजीकृत हैं।
-योजना के तहत किसानों को खेती कार्य के लिए वर्ष में ६००० रुपए का प्रोत्साहन दिया जाता है।
-जिले में आवेदन पत्रों का भौतिक सत्यापन नहीं होने से १९३६९ किसानों की किस्तें अटकी हुई है।
-जिले के ६२०२ किसानों की किस्तें आवेदन में आधार आधारित नाम का मिलान नहीं होने से रुकी हुई है।
दस्तावेज पूर्ण करने में लगे
पीएम किसान सम्मान निधि योजना में सभी पात्र किसानों को लाभान्वित किया जा सके, इसके लिए हमारे कार्यालय स्तर पर प्रयास जारी है। कलक्टर कार्यालय से भी इस संंबंध में निर्देश जारी हुए हैं। आपसी समन्वय से जल्द आवेदन पत्रों की कमियां दूर कर लेंगे। ताकि किसानों को इस योजना के तहत किस्तें जारी हो सके।
-दीपक कुक्कड़, एमडी, केंद्रीय सहकारी बैंक हनुमानगढ़
……पत्रिका व्यू…..
ताकि योजना का मकसद हो पूरा
कृषि प्रधान हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर जिले के किसानों के लिए पीएम सम्मान निधि योजना काफी मददगार साबित हो रही है। लेकिन यह भी सच है कि इस योजना का मकसद अब भी सरकार की मंशा के अनुरूप पूरा नहीं हो रहा है। क्योंकि वह छोटे किसान आज भी इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं, जिनके लिए यह शुरू की गई थी। बिजाई से ठीक पहले नकदी संकट से जूझने वाले छोटे किसानों को राहत देने के लिए शुरू की गई इस योजना में अब भी कई तरह के सुधार की जरूरत महसूस की जा रही है। हनुमानगढ़ जिले की बात करें तो अकेले यहां पर दस्तावेज सत्यापन के अभाव में १९३६९ किसानों की किस्तें अटकी हुई है। इसके अलावा आधार कार्ड में नाम का मिलान नहीं होने से ६००० से अधिक किसान पात्र होते हुए भी योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। जिला कलक्टर कार्यालय स्तर पर हालांकि सभी तहसीलदारों के नाम हाल ही में निर्देश जारी किया गया है। इसमें संबंधित अफसरों को निर्धारित अवधि में सभी तरह के दस्तावेजों का सत्यापन कर कागजी कमियों को दुरुस्त करने के लिए पाबंद किया गया है। अंतिम छोर पर बैठे सभी किसानों को इस योजना का लाभ मिल सके, इसके लिए सरकारी तंत्र के अफसरों के साथ किसान संगठनों की जिम्मेदारी भी बनती है कि वह वंचित किसानों से संपर्क कर उनकी कागजी कमियों को दूर करने में सहयोग करें। जागरूक किसानों का दायित्व भी है कि वह अपने दूसरे किसान साथियों को आवेदन की प्रकिया समझाएं। जिससे सभी किसानों को इस योजना की जानकारी मिल सके और वह इसका लाभ उठा सकें। तहसील कार्यालय स्तर पर लंबित आवेदनों का सत्यापन करने के लिए जरूरी है कि तहसीलदार गांवों में विशेष शिविर लगाएं। ऐसा करने पर ही सरकार की मंशा के अनुरूप किसानों को लाभान्वित करना संभव होगा।

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