script06 वर्ष में 102 साल की नगर परिषद के बजट में 226 करोड़ की बढ़ोतरी | 226 crore increase in city council budget of 102 years in 06 years | Patrika News
हनुमानगढ़

06 वर्ष में 102 साल की नगर परिषद के बजट में 226 करोड़ की बढ़ोतरी

06 वर्ष में 102 साल की नगर परिषद के बजट में 226 करोड़ की बढ़ोतरी – एक दिन में 21 हजार रूपए ईंधन पर होतें है खर्च – 362 करोड़ का होगा शहरी सरकार का बजट- 14 फरवरी को दोपहर 03 बजे होगी नवगठित बोर्ड की पहली बजट बैठक

हनुमानगढ़Feb 12, 2020 / 12:18 pm

Anurag thareja

06 वर्ष में 102 साल की नगर परिषद के बजट में 226 करोड़ की बढ़ोतरी

06 वर्ष में 102 साल की नगर परिषद के बजट में 226 करोड़ की बढ़ोतरी

06 वर्ष में 102 साल की नगर परिषद के बजट में 226 करोड़ की बढ़ोतरी
– एक दिन में 21 हजार रूपए ईंधन पर होतें है खर्च
– 362 करोड़ का होगा शहरी सरकार का बजट
– 14 फरवरी को दोपहर 03 बजे होगी नवगठित बोर्ड की पहली बजट बैठक
हनुमानगढ़. नगर परिषद 102 साल की हो चुकी है, 103 वर्ष की नवंबर 2020 में होगी। लेकिन केवल छह वर्षों में शहरी सरकार के बजट में 226 करोड़ की बढ़ोतरी हो चुकी है। आगामी वित्तीय वर्ष 2020-21 में शहरी सरकार का बजट 362 करोड़ का होगा। बजट में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण सातवां वेतन आयोग व पेट्रोल और डीजल की खपत है। आकंड़ों के मुताबिक प्रतिदिन 21 हजार रुपए ईंधन पर खर्च होते हैं यानि कि 290 लीटर से अधिक पेट्रोल व डीजल की खपत रोजाना होती है। वो भी तब जब नगर परिषद शहर के अधिकांश वार्डों में ठेके पद्धति से कचरे के उठाव पर एक करोड़ रुपए वार्षिक खर्च कर रही है। आगामी वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में व्यय के मुताबिक आय को लाने के लिए नव गठित बोर्ड की पहली बजट बैठक में शहरी क्षेत्र के 17 पेट्रोल-डीजल पंप पर कर लगाने जा रही है। इसके लिए नप सदन में 10 पैसे प्रतिलीटर कर लगाने की अनुशंसा करेगी। गत दिनों में नप कर लगाने की मंजूरी लेने के लिए राज्य सरकार को भी प्रस्ताव भेज चुकी है। हालांकि इससे वार्षिक नप को केवल बीस लाख रुपए की ही आय होगी। नवगठित बोर्ड की पहली बजट बैठक 14 फरवरी को नगर परिषद सभागार में दोपहर तीन बजे से होगी। इसके अलावा नगरीय कर, गृहकर आदि 105 लाख रुपए चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में बकाया था। लेकिन नगर परिषद केवल 55 लाख रुपए की ही रिकवरी कर पाई है। आगामी वित्तीय वर्ष के बजट में 3.75 करोड़ रुपए का कर बकाया होना शामिल किया गया है। इसी तरह नगरपरिषद से संपत्ति से कराया 60 लाख रुपए के करीब जमा होना था। लेकिन दिसंबर 2019 तक 33 लाख रुपए ही जमा हुए हैं। आगामी वित्तीय वर्ष में 75 लाख रुपए कर जाम होने की उम्मीद जताई गई है।
विकास कार्य पर खर्च होंगे 30 करोड़ से अधिक
आगामी वित्तीय वर्ष में उद्यान निर्माण पर एक करोड़ रुपए, पौधरोपण व ट्री गार्ड पर 50 लाख रुपए बजट में खर्च करने की अनुशंसा की गई है। सड़कों पर 11 करोड़ रूपए, अन्य विकास कार्यों पर 10 करोड़ रुपए, मरम्मत कार्यों पर 04 करोड़ रुपए, नालियों के निर्माण पर तीन करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव सदन में रखा जाएगा। इसके अलावा विभिन्न कार्यों पर करीब तीन करोड़ रूपए खर्च करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
हुडको करवाएगी सिरदर्द
हुडको से स्वीकृत 20 करोड़ के ऋण में से नप 13.50 करोड़ रुपए के विकास कार्य करवा चुकी है। इसके लिए नप को प्रतिमाह 22 लाख रुपए ऋण की किस्त जमा करवानी होती है। ऐसे में विकास कार्य करवाने की योजना तैयार करने से पहले नप को ऋण की किस्त जमा करवाने के लिए 22 लाख रुपए का जुगाड़ प्रतिमाह करना पड़ता है। स्वीकृत ऋण उठाने पर किस्त में भी बढ़ोतरी होना सभाविक है। हालात यह है कि नगर परिषद को राज्य सरकार से चुंगी पुनर्भरण हेतु प्रतिमाह 2.65 करोड़ रुपए प्रतिमाह मिलते हैं। लेकिन सातवां वेतन आयोग लागू होने व 131 सफाई कर्मचारियों की भर्ती के पश्चात पुनर्भरण की राशि से बचत नहीं होती।
294 करोड़ का है बजट
चालू वित्तीय वर्ष 2019-2020 में 294 करोड़ का बजट है। इसमें शहर के सौंदर्यीकरण हेतु निर्माण कार्य व वृक्षरोपण पर पचास लाख रुपए, सड़क निर्माण पर सात करोड़, कच्ची बस्ती क्षेत्र में सड़क निर्माण पर दो करोड़, अन्य निर्माण कार्य पर छह करोड़, कच्ची बस्ती क्षेत्र में अन्य निर्माण कार्य पर दो करोड़, पुराने निर्माण कार्यों के मरम्मत पर तीन करोड़, कच्ची बस्ती क्षेत्र में पुराने निर्माण कार्यों के रख-रखाव पर एक करोड़ रुपए व सभी वार्डों में नालियों पर दो करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव पारित किया गया था।
वित्तीय वर्ष 2018-19 में बजट 279 करोड़ का था। इसमें करीब 33 करोड़ रुपए के विकास कार्य पर खर्च करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इसमें उद्यान निर्माण पर एक करोड़ रुपए, शहर के सौंदर्यीकरण पर डेढ़ करोड़, सड़क निर्माण पर 7 करोड़, कच्ची बस्ती क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य पर 3 करोड़, अन्य निर्माण कार्य पर 6 करोड़, अन्य निर्माण कार्य कच्ची बस्ती में दो करोड़ रुपए, पुराने निर्माण कार्यों के मरम्मत पर तीन करोड़, इसी तरह कच्ची बस्ती क्षेत्र में पुराने निर्माण कार्यों की मरम्मत पर डेढ़ करोड़, नालियों पर 1 एक करोड़, कच्ची बस्ती क्षेत्र में नाली निर्माण पर पचास लाख रुपए खर्च किए गए थे।
करीब 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी

गत वर्ष की तुलना में करीब 23 प्रतिशत बजट में बढ़ोतरी की गई है। विकास कार्यो के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान है। इसके लिए हुडको से पांच करोड़ का ऋण और लेने का प्रस्ताव भी शामिल किया गया है। नगर परिषद की आय में सुधार हो, इसके लिए शहरी क्षेत्र के पेट्रोल-डीजल पंप पर ईंधन की खपत पर कर लगाने की योजना तैयार की गई है। बकाया कर वसूलने के लिए भी लेखा-शाखा ने अलग से एक्शन प्लान लागू किया है।
मालचंद शर्मा, लेखाधिकारी, नगर परिषद

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