आगामी वित्तीय वर्ष में उद्यान निर्माण पर एक करोड़ रुपए, पौधरोपण व ट्री गार्ड पर 50 लाख रुपए बजट में खर्च करने की अनुशंसा की गई है। सड़कों पर 11 करोड़ रूपए, अन्य विकास कार्यों पर 10 करोड़ रुपए, मरम्मत कार्यों पर 04 करोड़ रुपए, नालियों के निर्माण पर तीन करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव सदन में रखा जाएगा। इसके अलावा विभिन्न कार्यों पर करीब तीन करोड़ रूपए खर्च करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
हुडको से स्वीकृत 20 करोड़ के ऋण में से नप 13.50 करोड़ रुपए के विकास कार्य करवा चुकी है। इसके लिए नप को प्रतिमाह 22 लाख रुपए ऋण की किस्त जमा करवानी होती है। ऐसे में विकास कार्य करवाने की योजना तैयार करने से पहले नप को ऋण की किस्त जमा करवाने के लिए 22 लाख रुपए का जुगाड़ प्रतिमाह करना पड़ता है। स्वीकृत ऋण उठाने पर किस्त में भी बढ़ोतरी होना सभाविक है। हालात यह है कि नगर परिषद को राज्य सरकार से चुंगी पुनर्भरण हेतु प्रतिमाह 2.65 करोड़ रुपए प्रतिमाह मिलते हैं। लेकिन सातवां वेतन आयोग लागू होने व 131 सफाई कर्मचारियों की भर्ती के पश्चात पुनर्भरण की राशि से बचत नहीं होती।
चालू वित्तीय वर्ष 2019-2020 में 294 करोड़ का बजट है। इसमें शहर के सौंदर्यीकरण हेतु निर्माण कार्य व वृक्षरोपण पर पचास लाख रुपए, सड़क निर्माण पर सात करोड़, कच्ची बस्ती क्षेत्र में सड़क निर्माण पर दो करोड़, अन्य निर्माण कार्य पर छह करोड़, कच्ची बस्ती क्षेत्र में अन्य निर्माण कार्य पर दो करोड़, पुराने निर्माण कार्यों के मरम्मत पर तीन करोड़, कच्ची बस्ती क्षेत्र में पुराने निर्माण कार्यों के रख-रखाव पर एक करोड़ रुपए व सभी वार्डों में नालियों पर दो करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव पारित किया गया था।
वित्तीय वर्ष 2018-19 में बजट 279 करोड़ का था। इसमें करीब 33 करोड़ रुपए के विकास कार्य पर खर्च करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इसमें उद्यान निर्माण पर एक करोड़ रुपए, शहर के सौंदर्यीकरण पर डेढ़ करोड़, सड़क निर्माण पर 7 करोड़, कच्ची बस्ती क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य पर 3 करोड़, अन्य निर्माण कार्य पर 6 करोड़, अन्य निर्माण कार्य कच्ची बस्ती में दो करोड़ रुपए, पुराने निर्माण कार्यों के मरम्मत पर तीन करोड़, इसी तरह कच्ची बस्ती क्षेत्र में पुराने निर्माण कार्यों की मरम्मत पर डेढ़ करोड़, नालियों पर 1 एक करोड़, कच्ची बस्ती क्षेत्र में नाली निर्माण पर पचास लाख रुपए खर्च किए गए थे।
गत वर्ष की तुलना में करीब 23 प्रतिशत बजट में बढ़ोतरी की गई है। विकास कार्यो के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान है। इसके लिए हुडको से पांच करोड़ का ऋण और लेने का प्रस्ताव भी शामिल किया गया है। नगर परिषद की आय में सुधार हो, इसके लिए शहरी क्षेत्र के पेट्रोल-डीजल पंप पर ईंधन की खपत पर कर लगाने की योजना तैयार की गई है। बकाया कर वसूलने के लिए भी लेखा-शाखा ने अलग से एक्शन प्लान लागू किया है।
मालचंद शर्मा, लेखाधिकारी, नगर परिषद