नशे में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की बिक्री पर कड़ी निगाह, मेडिकल स्टोर संचालकों को पोर्टल पर डालनी क्रय-विक्रय रिपोर्ट
अदरीस खान @ हनुमानगढ़. एनडीपीएस घटक दवाओं की खरीद-फरोख्त पर कड़ी निगाह रखने के लिए लाइसेंस शर्तों को सख्त किया जा रहा है। नशे में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की बिक्री पर निगरानी और ज्यादा बढ़ाते हुए अब मेडिकल स्टोर संचालकों के लिए क्रय-विक्रय रिपोर्ट, बिल आदि की जानकारी पोर्टल पर डालना अनिवार्य कर दिया गया है।
नशे में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की बिक्री पर कड़ी निगाह, मेडिकल स्टोर संचालकों को पोर्टल पर डालनी क्रय-विक्रय रिपोर्ट
नशे में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की बिक्री पर कड़ी निगाह, मेडिकल स्टोर संचालकों को पोर्टल पर डालनी क्रय-विक्रय रिपोर्ट
– एनडीपीएस घटक दवाओं की क्रय-विक्रय सूचना पोर्टल पर अपलोड करने का मामला
– आयुक्तालय ने बनाई प्रक्रिया सख्त, अब दी थोड़ी रियायत
– दवाइयों के नशे के रूप में बढ़ते इस्तेमाल पर रोक लगाने की मंशा से सख्ती
अदरीस खान @ हनुमानगढ़. एनडीपीएस घटक दवाओं की खरीद-फरोख्त पर कड़ी निगाह रखने के लिए लाइसेंस शर्तों को सख्त किया जा रहा है। नशे में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की बिक्री पर निगरानी और ज्यादा बढ़ाते हुए अब मेडिकल स्टोर संचालकों के लिए क्रय-विक्रय रिपोर्ट, बिल आदि की जानकारी पोर्टल पर डालना अनिवार्य कर दिया गया है। खाद्य सुरक्षा व औषधि नियंत्रण, आयुक्तालय जयपुर ने नशे के रूप में दवाइयों के बढ़ते इस्तेमाल पर रोक लगाने की मंशा से एनडीपीएस दवाओं की बिक्री प्रक्रिया को और अधिक कड़ा कर दिया है। इसके तहत लाइसेंसधारी दवा विक्रेताओं को एनडीपीएस दवाइयों की खरीद-बिक्री की सूचना प्रतिदिन पोर्टल पर डालने का आदेश दिया गया है।
इसके साथ ही आदेश का विरोध भी शुरू हो चुका है। जिले से लेकर प्रदेश भर में कैमिस्ट एसोसिएशन इसका विरोध कर रही है। इस नई व्यवस्था को अव्यावहारिक बताते हुए फेरबदल की मांग की जा रही है। वहीं औषधि नियंत्रण विभाग के अधिकारी दवा विक्रय पर कड़ी निगाह रखने के लिए इसको जरूरी बता रहे हैं। हालांकि प्रदेश भर में कैमिस्ट एसोसिएशन की कड़ी आपत्ति के बाद पोर्टल पर अपलोड संबंधी प्रक्रिया में आंशिक ढील दी गई है।
अब दी गई यह छूट
खाद्य सुरक्षा व औषधि नियंत्रण, आयुक्तालय जयपुर ने गत दिनों आदेश जारी किया कि सभी लाइसेंसधारी दवा विक्रेताओं को एनडीपीएस घटक दवाइयों की खरीद व बिक्री की सूचना रोजाना विभागीय पोर्टल पर डालनी होगी। इसके कुछ समय बाद ही कैमिस्ट एसोसिएशन ने विरोध शुरू कर दिया। इस पर आयुक्तालय ने रोजाना क्रय-विक्रय की सूचना पोर्टल पर अपलोड करने में छूट दे दी। अब प्रतिदिन की बजाय दस दिन की अवधि में एक बार उपरोक्त सूचना अपलोड करनी होगी। इसके साथ पहले दिन का पहला तथा दसवें दिन का आखिरी बिल ही पोर्टल पर डालना होगा। इसके अलावा साथ में स्टेटमेंट अपलोड करने से काम चल जाएगा। सभी बिल अपलोड करने की जरूरत नहीं होगी।
विक्रेताओं की क्या आपत्ति
कैमिस्ट एसोसिएशन के अनुसार सूचना प्रतिदिन पोर्टल पर डालने की व्यवस्था अव्यवहारिक है। थोक विक्रेता सीएंडएफ या डिस्ट्रीब्यूटर से माल खरीदता है। वहां से पूरे प्रदेश का डाटा विभाग को उपलब्ध हो सकता है। थोक व खुदरा दवा विक्रेता बिल से ही खरीद तथा बेचता है। जब भी विभाग क्रय-विक्रय की जानकारी मांगता है तो तत्काल उपलब्ध कराई जाती है। ऐसे में प्रतिदिन बिल वगैरह अपलोड करना बेवजह काम बढ़ाने वाला आदेश है।
इसलिए करनी पड़ रही सख्ती
प्रदेश भर में एनडीपीएस दवाइयों का नशे में इस्तेमाल बढ़ रहा है। जिले में तो स्थिति और भी ज्यादा चिंताजनक है। पिछले साढ़े चार साल में जिले से 20 लाख से अधिक नशीली टेबलेट जब्त की जा चुकी है। एक वर्ष में नशीली दवा विक्रय के आरोप में मेडिकल स्टोर संचालक या वहां कार्य करने वाले चार जने पकड़े जा चुके हैं।
आयुक्तालय ने किया बदलाव
एनडीपीएस दवा क्रय-विक्रय की सूचना प्रतिदिन पोर्टल पर अपलोड करने संबंधी व्यवस्था में आयुक्तालय ने बदलाव किया है। अब दस दिन से सूचना अपलोड करनी होगी मतलब महीने में केवल तीन बार। – अशोक मित्तल, सहायक औषधि नियंत्रक, हनुमानगढ़।
Home / Hanumangarh / नशे में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की बिक्री पर कड़ी निगाह, मेडिकल स्टोर संचालकों को पोर्टल पर डालनी क्रय-विक्रय रिपोर्ट