scriptआंदोलन के बाद देर शाम को भाखड़ा नहर में पानी बढ़ाने का आया संदेशा | After the movement, message came late in the evening to increase water | Patrika News
हनुमानगढ़

आंदोलन के बाद देर शाम को भाखड़ा नहर में पानी बढ़ाने का आया संदेशा

हनुमानगढ़. पूरे मार्च महीने में भाखड़ा नहर में सिंचाई पानी चलाने की मांग को लेकर किसानों ने बुधवार को जल संसाधन विभाग कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान किसानों ने कहा कि यदि फसलों को इस समय सिंचाई पानी नहीं मिला तो रबी फसलें बर्बाद हो जाएगी। पूरे दिन चले आंदोलन के बाद मुख्य अभियंता अमरजीत सिंह मेहरड़ा के साथ किसानों की दो दौर की वार्ता हुई। लेकिन मांगों पर सहमति नहीं बनी।

हनुमानगढ़Mar 13, 2024 / 08:32 pm

Purushottam Jha

आंदोलन के बाद देर शाम को भाखड़ा नहर में पानी बढ़ाने का आया संदेशा

आंदोलन के बाद देर शाम को भाखड़ा नहर में पानी बढ़ाने का आया संदेशा

हनुमानगढ़. पूरे मार्च महीने में भाखड़ा नहर में सिंचाई पानी चलाने की मांग को लेकर किसानों ने बुधवार को जल संसाधन विभाग कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान किसानों ने कहा कि यदि फसलों को इस समय सिंचाई पानी नहीं मिला तो रबी फसलें बर्बाद हो जाएगी। पूरे दिन चले आंदोलन के बाद मुख्य अभियंता अमरजीत सिंह मेहरड़ा के साथ किसानों की दो दौर की वार्ता हुई। लेकिन मांगों पर सहमति नहीं बनी। मांगों पर जल्द सहमति नहीं बनने पर दोगुनी ताकत के साथ 15 मार्च को प्रदर्शन करने की चेतावनी देकर किसानों ने धरना समाप्त कर दिया। इससे पहले किसानों के आक्रोश को देखते हुए मौके पर पुलिस का जाब्ता तैनात रहा। किसानों ने बताया कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना में बंदी के चलते भाखड़ा परियोजना की नहरों में सिंचाई पानी बारह मार्च से बंद कर दिया गया है। इसके विरोध में भाखड़ा के किसानों ने जल संसाधन विभाग उत्तर खंड हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता कार्यालय के समक्ष महापड़ाव डाल दिया। इस मौके पर किसान नेता ओम जांगू ने कहा कि रबी फसलों को इस समय एक सिंचाई बारी पानी मिलना जरूरी है। नहीं तो फसलेें बर्बाद हो जाएगी। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष रेशम सिंह मानुका ने कहा कि भाखड़ा परियोजना की नहरों में 31 मार्च तक सिंचाई पानी चलाने की मांग किसान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लाल सुंडी की वजह से किसानों की नरमा की फसल पूर्णतया बर्बाद हो गई। नहर की मरम्मत के लिए 12 मार्च से भाखड़ा को नहरों में बंदी ली जा रही है। किसान की छह माह की कड़ी मेहनत के बाद आज पूरे क्षेत्र में गेहूं की फसल अच्छी खड़ी है। अब पकी हुई फसल को पानी नहीं मिलता है तो किसान की मेहनत पर पानी फिर जाएगा। किसान नेता रायसाहब मल्लडख़ेड़ा ने कहा कि किसान बंदी के खिलाफ नहीं हैं। नहर की मरम्मत के लिए बंदी भी जरूरी है। क्योंकि इसमें किसानों का ही फायदा है। लेकिन किसानों को उजाडकऱ नहर की मरम्मत करना सही नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 31 मार्च तक भाखड़ा की नहरों में पानी नहीं चलाया गया तो किसान आंदोलन को तेज करेंगे।
हो-हल्ला के बिना बात नहीं सुनी जाती
किसान नेता ओम जांगू ने कहा कि भाखड़ा क्षेत्र में गेहूं व सरसों की फसल सबसे ज्यादा होती है। गेहूं ऐसी फसल है जिसको तीस मार्च तक पानी चाहिए। लेकिन सिंचाई विभाग ने यह फैसला कर रखा है कि किसान की मेहनत पर पानी फेरना है। उन्होंने कहा कि देश का तंत्र कुछ इस तरह से बन चुका है कि हो-हल्ला करने के बिना आपकी बात नहीं सुनी जाती। किसान भी हर साल आंदोलन कर पानी लेने को मजबूर हैं। सरकार जान-बूझकर किसानों को परेशान कर रही है। उनकी मांग 31 मार्च तक दो-दो बारी पानी देने की है ताकि गेहूं की फसल का पकाव हो सके। इस मौके पर माकपा नेता रघुवीर वर्मा, संदीप कंग, महेन्द्र प्रताप सिंह ढिल्लो, राजेन्द्र पाल सिंह निक्का, बलविंद्र सिंह बराड़, महंगा सिंह, संदीप कंग,सरपंच रमनदीप कौर, मनदीप मान, सुभाष गोदारा, पालाराम, रोसपाल सिंह, कुलदीप मान उश्नाक खान सहित हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर जिले के किसान मौजूद थे।
देर शाम आया संदेश
जंक्शन में जल संसाधन विभाग कार्यालय में पूरे दिन चले आंदोलन के बाद देर शाम को जयपुर से मौखिक संदेशा आया। इसमें भाखड़ा नहर में 30 मार्च तक पानी बढ़ाने की का जिक्र था। इसके कुछ देर बाद नहर में पानी की मात्रा बढऩी भी शुरू हो गई। जानकारी के अनुसार 12 मार्च को भाखड़ा नहर में 650 क्यूसेक पानी चल रहा था। जबकि 13 मार्च रात करीब आठ बजे भाखड़ा नहर में पानी की मात्रा बढ़ाकर 850 क्यूसेक कर दिया गया। इस तरह नहर में पानी की मात्रा बढऩे से किसान खुश नजर आए। किसान नेता ओम जांगू ने बताया कि आंदोलन के कारण सरकार पर दबाव बना है। नहर में पानी बढऩे का क्रम शुरू हो गया है। यदि निर्धारित मात्रा में पानी चलता रहा तो ठीक है, नहीं तो किसान फिर से आंदोलन करेंगे। किसान नेता रेशम सिंह मानुका ने बताया कि नहर में 80 प्रतिशत तक पानी चलने से काफी फसलें बच जाएगी। किसानों के संघर्ष के बाद सरकार ने मांगों पर सहमति दी है। आगे भी किसान हित में हमारा संगठन सदैव अग्रणी रहेगा। वहीं जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता अमरजीत सिंह मेहरड़ा ने बताया कि किसान आंदोलन तथा किसानों की मांग को लेकर जयपुर में उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। इसमें अभी सकारात्मक संदेश मिला है। नहर में पहले की तुलना में पानी बढऩा भी शुरू हो गया है।

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