फिर उनके साथ आए युवक ने नोटों वगैरह की फोटो खींची तथा वीडियो बनाए। इस संबंध में सेवानिवृत्त कार्मिक दर्शन सिंह ने बैंक प्रबंधन तथा आरबीआई से शिकायत करने की बात कही है। उन्होंने बताया कि एटीएम से 16 हजार रुपए की राशि निकलवाई। सभी नोट 500-500 रुपए के थे। इसमें से दो हजार रुपए के चार नोट गड़बड़ थे। दो नोटों के किनारे पूर्णत: गायब थे। नोट का करीब दस प्रतिशत हिस्सा नहीं था। जुगाड़ देखिए कि जहां से नोट का हिस्सा गायब था, वहां उतना ही सफेद कागज काटकर चिपका दिया गया ताकि मशीन में गणना आदि के दौरान कोई तकनीकी दिक्कत ना आए। इसके अलावा एक नोट को कई जगह से चिपकाया गया था। जबकि एक नोट तो धुला हुआ सा लग रहा था। सुरक्षा संबंधी चिह्न ही उससे गायब थे। वह असली है या नकली, इसकी पहचान करना भी संभव नहीं था।
दर्शन सिंह का आरोप है कि एटीएम में नोट डालने का कार्य बैंक अधिकारी-कर्मचारी करते हैं। सफेद कागज चिपकाए, धुंधले व कटे-फटे नोट एटीएम से निकलना बहुत गंभीर मसला है। इससे बैंक अधिकारी-कर्मचारी अनभिज्ञ होंगे, ऐसा कतई नहीं माना जा सकता। इसकी जांच होनी चाहिए। लापरवाही सामने आने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए। इसकी शिकायत बैंक प्रबंधन तथा आरबीआई से की जाएगी। अगर किसी जरूरतमंद के पास रुपए ही दो-चार हजार हो और उसमें से आधे नोट ऐसे निकल जाए जो बाजार में चल ही ना पाए तो वो क्या करेगा। अपना काम छोड़कर उसे नोट बदलवाने के लिए बैंकों के धक्के खाने पर मजबूर होना पड़ेगा।