हनुमानगढ़. इंदिरागांधी नहर में रीलाइनिंग कार्य की गुणवत्ता जांचने को लेकर जिला परिषद सीईओ की अगुवाई में गठित कमेटी ने अब जिला कलक्टर को रिपोर्ट भेज दी है। इसमें जांच के लिए उपयुक्त समय नहीं मिलने का कारण बताते हुए अगले वर्ष होने वाली बंदी व रीलानिंग के दौरान ही स्थिति साफ साफ होने का उल्लेख किया गया है। क्योंकि कमेटी की जांच पूरी होती इससे पहले ही नहर में पानी प्रवाहित कर दिया गया। कमेटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ सेंपल हमने लिए थे, उसकी तुलनात्मक जांच भी अगले वर्ष होने वाले रीलाइनिंग कार्य के दौरान ही संभव है। गौरतलब है कि इंदिरागांधी नहर में हुए रीलाइनिंग कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठने पर इस मामले की जांच को लेकर २६ मई को जिला परिषद सीईओ हनुमानगढ़ के सीईओ रामनिवास जाट की अगुवाई में गठित जांच कमेटी के सदस्यों ने २८ मई को ५९५ आरडी पर जाकर रीलाइनिंग कार्यों की गुणवत्ता जांची। इस दौरान देखने को मिला कि जिस स्थान पर अमानक कार्य होने की शिकायतें मिली थी, वहां पर जल संसाधन विभाग के अभियंताओं की निगरानी में दोबारा कार्य करवाया जा रहा था। इसके कुछ समय बाद ही नहर में बंदी समाप्त होने पर इसमें पानी प्रवाहित कर दिया गया। इससे जांच संबंधी कार्य आगे नहीं बढ़ा। जिला कलक्टर नथमल डिडेल के निर्देश पर गठित कमेटी में शामिल अधिकारियों को सात दिवस में रिपोर्ट सौंपने के लिए पाबंद किया गया था। इसके तहत कमेटी ने चार जून को रिपोर्ट कलक्टर को सौंप दी। नहर रीलाइनिंग कार्य की गुणवत्ता जांचने को लेकर गठित कमेटी में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता अनिल अग्रवाल, अधिशाषी अभियंता जगमोहन अग्रवाल, जिला परिषद में अधिशाषी अभियंता मदन सिंह व पीएचईडी के अधिशाषी अभियंता धर्मपाल चाहर को शामिल किया गया था। एसीबी की टीम ने भी रीलाइनिंग कार्य की गुणवत्ता जांचने को लेकर सेंपल लिए थे। एसीबी टीम ने हालांकि प्रारंभिक जांच में कार्य को संतोषजनक माना है। मगर जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सही स्थिति का पता चल सकेगा।