डॉ. ममता गुप्ता के अवकाश के दिन जिला अस्पताल में आउट सोर्सेज के माध्यम से सर्जरी करवाई जाएगी। इसके लिए पहले की तरह निजी अस्पताल के एमएस गायनी का पैनल बनाया जाएगा और एक सर्जरी के लिए एमएस गायनी को तीन हजार रुपए शुल्क दिया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक ने छह नवंबर को नोहर से प्रतिनियुक्ति पर डॉ. संगीता को जिला अस्पताल में लगाया था। उस समय एमसीएच यूनिट में एक ही एमएस गायनी डॉ. सीमा खीचड़ ड्यूटी पर थी। हालांकि अतिरिक्त कार्यभार होने के कारण निजी अस्पताल से एमएस गायनी को बुलाकर प्रसव करवाए जाते थे।
68 दिन तक एक ही थी चिकित्सक
नागरिकों की मांग के चलते जिला अस्पताल में 29 अगस्त को एमएस गायनी डॉ. चावला का तबादला कर दिया गया था। इनकी जगह पर राज्य सरकार ने किसी भी एमएस गायनी को नहीं लगाया। एक मात्र संविदा पर कार्यरत डॉ. सीमा खीचड़ ने 68 दिन तक सजेरियन किए। हालांकि इनके अवकाश के दिन अस्पताल प्रबंधन निजी अस्पताल के एमएस गायनी की सेवाएं लेता था। इसकी एवज में तीन हजार रुपए प्रति प्रसव के हिसाब से भुगतान भी किया जाता था।
जिला अस्पताल की एमसीएच यूनिट में एक माह में 180 सर्जरी करने का रिकार्ड दर्ज है। व्यवस्थाएं ठप न हो इस बीच स्वास्थ्य विभाग ने 18 जनवरी को श्रीगंगानगर से एमएस गायनी डॉ. मुकेश स्वामी को हनुमानगढ़ जिला अस्पताल में लगाया गया था। लेकिन उन्होंने भी कार्यभार नहीं संभाला था और बाद में इन्हें पुन: श्रीगंगानगर के जिला अस्पताल में लगा दिया था।
अब लोगों को निजी अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा। जिला अस्पताल में एमएस गायनी डॉ. ममता गुप्ता को संविदा पर लगाया गया है। कार्यभार संभालते ही शनिवार को तीन सिजेरियन हुए। इनके अवकाश के दिन आउट सोर्सेज के जरिए सर्जरी करवाई जाएगी।
डॉ. एमपी शर्मा, पीएमओ, जिला अस्पताल
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