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हनुमानगढ़

46 दिन से जिला अस्पताल में ठप पड़ी सिजेरियन की व्यवस्था फिर से शुरु

46 दिन से जिला अस्पताल में ठप पड़ी सिजेरियन की व्यवस्था फिर से शुरु- संविदा पर एमएस गायनी ने किया कार्यभार ग्रहण, पहले दिन तीन की सर्जरी

हनुमानगढ़Mar 29, 2020 / 11:41 am

Anurag thareja

46 दिन से जिला अस्पताल में ठप पड़ी सिजेरियन की व्यवस्था फिर से शुरु

46 दिन से जिला अस्पताल में ठप पड़ी सिजेरियन की व्यवस्था फिर से शुरु

46 दिन से जिला अस्पताल में ठप पड़ी सिजेरियन की व्यवस्था फिर से शुरु
– संविदा पर एमएस गायनी ने किया कार्यभार ग्रहण, पहले दिन तीन की सर्जरी
– अब गर्भवती की सर्जरी के लिए नहीं जाना होगा निजी अस्पताल
प्लस फोटो….. प्लस ईपीएस 14, 15, 16, 17, 18
हनुमानगढ़. आखिरकार जिला अस्पताल के एमसीएच यूनिट में 46 दिन बाद गर्भवती की सर्जरी की व्यवस्था शुरु हो गई है। संविदा पर एमएस गायनी डॉ. ममता गुप्ता ने कार्यभार संभालते ही शनिवार को तीन सिजेरियन किए। अब गर्भवती की सर्जरी करवाने के लिए निजी अस्पताल ेमें नहीं जाना पड़ेगा। हालात यह हैं कि लॉक डाउन के चलते गर्भवती को निजी अस्पताल में लेजाने में परिजनों को कई तरह की परेशानी होती थी। लेकिन अब जिला अस्पताल में एमएस गायनी की नियुक्ति होने से परिजन 108 व 104 एंबुलेंस के जरिए जिला अस्पताल जा सकेंगे।
गौरतलब है कि नोहर से प्रतिनियुक्ति पर लगाई गई डॉ. संगीता के आदेश को 10 फरवरी को निरस्त कर दिए थे। इससे पूर्व 5 फरवरी को संविदा पर कार्यरत डॉ. सीमा खीचड़ मातृत्व अवकाश पर चली गई थी। तभी से जिला अस्पताल में एक भी एमएस गायनी नहीं होने से सर्जरी की व्यवस्था ठप पड़ी थी।
आउट सोर्सेज से भी होगी व्यवस्था
डॉ. ममता गुप्ता के अवकाश के दिन जिला अस्पताल में आउट सोर्सेज के माध्यम से सर्जरी करवाई जाएगी। इसके लिए पहले की तरह निजी अस्पताल के एमएस गायनी का पैनल बनाया जाएगा और एक सर्जरी के लिए एमएस गायनी को तीन हजार रुपए शुल्क दिया जाएगा।
पहले यह थे हालात
स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक ने छह नवंबर को नोहर से प्रतिनियुक्ति पर डॉ. संगीता को जिला अस्पताल में लगाया था। उस समय एमसीएच यूनिट में एक ही एमएस गायनी डॉ. सीमा खीचड़ ड्यूटी पर थी। हालांकि अतिरिक्त कार्यभार होने के कारण निजी अस्पताल से एमएस गायनी को बुलाकर प्रसव करवाए जाते थे।

68 दिन तक एक ही थी चिकित्सक
नागरिकों की मांग के चलते जिला अस्पताल में 29 अगस्त को एमएस गायनी डॉ. चावला का तबादला कर दिया गया था। इनकी जगह पर राज्य सरकार ने किसी भी एमएस गायनी को नहीं लगाया। एक मात्र संविदा पर कार्यरत डॉ. सीमा खीचड़ ने 68 दिन तक सजेरियन किए। हालांकि इनके अवकाश के दिन अस्पताल प्रबंधन निजी अस्पताल के एमएस गायनी की सेवाएं लेता था। इसकी एवज में तीन हजार रुपए प्रति प्रसव के हिसाब से भुगतान भी किया जाता था।
एक माह में 180 सर्जरी का रिकार्ड
जिला अस्पताल की एमसीएच यूनिट में एक माह में 180 सर्जरी करने का रिकार्ड दर्ज है। व्यवस्थाएं ठप न हो इस बीच स्वास्थ्य विभाग ने 18 जनवरी को श्रीगंगानगर से एमएस गायनी डॉ. मुकेश स्वामी को हनुमानगढ़ जिला अस्पताल में लगाया गया था। लेकिन उन्होंने भी कार्यभार नहीं संभाला था और बाद में इन्हें पुन: श्रीगंगानगर के जिला अस्पताल में लगा दिया था।
सर्जरी हो चुकी है शुरु
अब लोगों को निजी अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा। जिला अस्पताल में एमएस गायनी डॉ. ममता गुप्ता को संविदा पर लगाया गया है। कार्यभार संभालते ही शनिवार को तीन सिजेरियन हुए। इनके अवकाश के दिन आउट सोर्सेज के जरिए सर्जरी करवाई जाएगी।
डॉ. एमपी शर्मा, पीएमओ, जिला अस्पताल
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