कलक्टर जाकिर हुसैन ने पर्यावरण मुद्दे को अहम मानते हुए अब रीको क्षेत्र में खुले में प्रवाहित हो रहे अपशिष्ट की रोकथाम मामले को साप्ताहिक बैठक में रखकर हर सप्ताह इसकी समीक्षा करने का निर्णय लिया है। साथ ही रीको क्षेत्र में कॉमन इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट एंड सॉलिड वेस्ट डिस्पोजल सिस्टम का निर्माण करवाने को लेकर उद्योगपतियों को सक्रिय करेंगे।
फैक्ट्रियों से प्रवाहित हो रहे अपशिष्ट मामले में स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, स्थाई लोक अदालत के सदस्य महावीर स्वामी व बलविंदर सिंह की बैंच ने सुनवाई करने के बाद गत दिनों फैसला सुनाया। प्रकरण के अनुसार न्यू सिविल लाइन वेलफेयर सोसायटी के सचिव जगराज सिंह ने स्थाई लोक अदालत में वर्ष २०१४ में परिवाद दायर किया था। इसमें बताया था कि नगरपरिषद के नालियों व फैक्ट्रियों का प्रदूषित पानी सिविल लाइन के आसपास की सडक़ों के पास जमा रहता है। इससे क्षेत्र का पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। प्रदूषित पानी के जमा होने से पेड़ों के सूखने की समस्या भी आ गई है। पांच वर्ष से अधिक समय तक कानूनी लड़ाई लडऩे के बाद स्थाई लोक अदालत ने सिविल लाइन के लोगों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए राजस्थान राज्य औद्योगिक एवं निवेश निगम हनुमानगढ़ को यह आदेश दिया है वह अपने अधीन फैक्ट्रियों को यह निर्देश दे कि संबंधित औद्योगिक ईकाईयां छह माह के भीतर उपरोक्त नियम दो (ईई) में वर्णित संगठन सदस्य होकर ऐसे संगठन के सदस्यों के सामूहिक खर्चे से उद्योगों से निस्तारित होने वाले अपशिष्ट जल व अन्य प्रदूषण के ट्रीटमेंट के लिए कॉमन इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट एंड सॉलिड वेस्ट डिस्पोजल सिस्टम का निर्माण व संचालन करें। निर्धारित समय में इन निर्देशों का पालन नहीं करने वाली औद्योगिक ईकाईयों के खिलाफ प्रदूषण नियमों के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई है।