सिंचाई पानी की मांग, किसानों ने लगाया धरना
https://www.patrika.com/hanumangarh-news/
हनुमानगढ़. भाखड़ा नहर में 1200 क्यूसेक पानी चलाने की मांग को लेकर किसानों ने शुक्रवार को मुख्य अभियंता कार्यालय में धरना लगा दिया।

सिंचाई पानी की मांग, किसानों ने लगाया धरना
-मुख्य अभियंता कार्यालय परिसर में नारेबाजी कर जताया रोष
हनुमानगढ़. भाखड़ा नहर में 1200 क्यूसेक पानी चलाने की मांग को लेकर किसानों ने शुक्रवार को मुख्य अभियंता कार्यालय में धरना लगा दिया। इस दौरान किसान नेता ओम जांगू के नेतृत्व में नारेबाजी करते हुए कई किसानों ने जल्द भाखड़ा नहर में १२०० क्यूसेक पानी चलाने की मांग की।
विभागीय अधिकारियों के साथ हुई वार्ता में एक मार्च से भाखड़ा नहरों में १२०० क्यूसेक पानी देने पर सहमति भी बनी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यदि बीबीएमबी ने मांग के अनुसार राजस्थान का शेयर निर्धारित किया तो भाखड़ा में आगे १२०० क्यूसेक पानी चलाना संभव हो सकेगा। वार्ता में एसई देवी सिंह बेनीवाल, एक्सईएन दिवाकर पांडे, शिवचरण रैगर, सुरेश सुथार सहित अन्य किसान प्रतिनिधि मौजूद रहे। इस दौरान किसानों की धरना स्थल पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान में फसलों में सिंचाई पानी की मांग बढ़ रही है। लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारी नहरों में रेग्यूलेशन के अनुसार पानी चलाने को लेकर गंभीर नहीं हो रहे। इसके कारण किसान परेशान हो रहे हैं। जल्द मांग के अनुसार पानी नहीं मिलने की स्थिति में आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।
जुलाई से करेंगे आंदोलन
भाखड़ा क्षेत्र के किसानों ने नहरों में सिंचाई पानी देने की मांग को लेकर श्ुाक्रवार को मुख्य अभियंता कार्यालय हनुमानगढ़ पर धरना लगाकर प्रदर्शन किया। वक्ताओं ने कहा कि आज किसानी संकट में है। तीनों कृषि कानूनों को लागू कर केंद्र सरकार ने खेत ओर खलिहान पूंजीपतियों के हवाले कर खेती किसान से छीनने का प्रयास किया है। महंगाई ने खेती किसानी की पहले ही कमर तोड़ रखी है। इसमें कोढ़ का काम राजस्थान सरकार के सिंचाई विभाग की लापरवाही से आई सिंचाई संकट ने किया है। फरवरी व मार्च में सिंचाई पानी की कमी ने पकाव पर खड़ी फसल को बर्बाद कर दिया। 1970 के किसान आंदोलन में इस क्षेत्र के किसान ने शहादत देकर इंजी. मोतीराम कमेटी बनवाई। इसकी सिंचाई पानी सम्बन्धी सिफारिश आज भी धूल फांक रही है। सभा को विक्रम कलहरी,रमेश भादू, हरदीप शाहपिणी, सुरेन्द्र जाखड़, अमन धोला चक,सुरेन्द्र सहारण आदि ने संबोधित किया। किसान नेता ओम जांगू के अनुसार सभा के बाद सिंचाई विभाग के अधिकारियों व किसानों के मध्य हुई वार्ता में तय हुआ कि भाखड़ा की नहरों में 1 मार्च से 16 मार्च तक 1200 क्यूसेक पानी दिया जाएगा। पाकिस्तान जा रहे पानी को रोकने ,बांधों के जल स्तर में सुधार के लिए केन्द्र सरकार पर दवाब बनाने के लिए जुलाई से आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया गया।
होगी बीबीएमबी की बैठक
अगले माह का शेयर निर्धारित करने को लेकर २७ फरवरी को वीसी के जरिए बीबीएमबी की बैठक होगी। इसमें राजस्थान के अधिकारी प्रदेश की मांग से बीबीएमबी को अवगत करवाएंगे। मांग के अनुसार पानी मिलने पर भाखड़ा नहर में १२००क्यूसेक पानी चलाना संभव हो सकेगा। जबकि इंदिरागांधी नहर में छह मार्च तक सिंचाई पानी मिलेगा। वहीं भाखड़ा में सोलह मार्च तक पानी मिलने की उम्मीद है। इसके बाद २० से नहरबंदी प्रस्तावित की गई है। नहरबंदी अवधि में पंजाब व राजस्थान भाग में रीलाइनिंग कार्य होने हैं।
कलक्टर को सौंपा ज्ञापन
हनुमानगढ़. भाखड़ा नहरों में सिंचाई के लिए ३१ मार्च तक पानी देने की मांग को लेकर राष्ट्रीय किसान संगठन के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। इसमें बताया है कि इस अवधि तक पानी नहीं मिलने पर फसल पकने में दिक्कत आएगी। बद्री नारायण जाखड व गुरतेज सिंह आदि मौजूद रहे।
अब पाइए अपने शहर ( Hanumangarh News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज