स्किन स्पेशलिस्ट के नाम पर फर्जीवाड़ा, डिग्री-डिप्लोमा के बिना चला रहे थे अस्पताल
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हनुमानगढ़. बाहर त्वचा रोग के श्रेष्ठ इलाज तथा सिर के बाल उगाने का सूचना पट्ट। भीतर लैबोरेट्री में जांच उपकरण। दवा का भंडारण। मगर यह सब तामझाम जुटाकर इलाज का दावा करने वाले मात्र नौंवी तथा बारहवीं पास दो युवक। यह स्थिति तब सामने आई जब मंगलवार को उपखंड स्तरीय विशेष जांच दल ने टाउन में भारत माता चौक स्थित मेट्रो स्किन एंड हेयर क्लिनिक पर छापा मारा।
स्किन स्पेशलिस्ट के नाम पर फर्जीवाड़ा, डिग्री-डिप्लोमा के बिना चला रहे थे अस्पताल
स्किन स्पेशलिस्ट के नाम पर फर्जीवाड़ा, डिग्री-डिप्लोमा के बिना चला रहे थे अस्पताल
– बिना पंजीयन के संचालित अस्पताल व लैबोरेट्री में कर रखा था दवा का भंडारण
– टाउन स्थित स्किन मेट्रो क्लिनिक पर जांच दल ने पकड़ा फर्जीवाड़ा
हनुमानगढ़. बाहर त्वचा रोग के श्रेष्ठ इलाज तथा सिर के बाल उगाने का सूचना पट्ट। भीतर लैबोरेट्री में जांच उपकरण। दवा का भंडारण। मगर यह सब तामझाम जुटाकर इलाज का दावा करने वाले मात्र नौंवी तथा बारहवीं पास दो युवक। यह स्थिति तब सामने आई जब मंगलवार को उपखंड स्तरीय विशेष जांच दल ने टाउन में भारत माता चौक स्थित मेट्रो स्किन एंड हेयर क्लिनिक पर छापा मारा। क्लिनिक का संचालन करते मौके से जो दो युवक मिले उनकी शैक्षणिक योग्यता कक्षा नौवीं व बारहवीं पास मिली। जबकि क्लिनिक का कोई पंजीयन नहीं कराया गया था। लैब संचालन के लिए भी उनके पास किसी तरह का डिप्लोमा व पंजीयन दस्तावेज नहीं था। त्वचा रोग संबंधी दवा का भंडारण भी बिना लाइसेंस के ही क्लिनिक पर किया गया था। जांच दल ने उपकरण व दवा वगैरह जब्त कर लिए। इस संबंध में समाचार लिखे जाने तक टाउन थाने में मामला दर्ज कराने की कार्यवाही चल रही थी।
जानकारी के अनुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अरुण चमडिय़ा को कुछ दिन पहले शिकायत मिली थी कि टाउन में भारत माता चौक के पास मेट्रो स्किन एंड हेयर क्लिनिक का संचालन किया जा रहा है। संचालनकर्ता के पास किसी तरह का डिग्री, डिप्लोमा व लाइसेंस नहीं है। शिकायत के आधार पर उपखंड स्तरीय जांच दल ने मंगलवार को क्लिनिक पर छापा मारा। जांच दल में डीएसपी अंतरसिंह श्योराण, तहसीलदार सत्यनारायण, बीसीएमओ ज्योति धींगड़ा व औषधि नियंत्रक अधिकारी गौरीशंकर शामिल थे। जांच दल को क्लिनिक का संचालन करते पवन कुमार निवासी रोडांवाली तथा नरेश कुमार निवासी हरियाणा मिले। दोनों ने दावा किया कि वे चिकित्सकों को बाहर से जांच के लिए क्लिनिक पर बुलाते हैं। मगर इसका कोई साक्ष्य वे पेश नहीं कर सके। इसके अलावा उनके पास दवा भंडारण, अस्पताल व लैबोरेट्री संचालन का कोई दस्तावेज वगैरह भी नहीं था। औषधि नियंत्रक अधिकारी गौरीशंकर ने बताया कि दोनों के खिलाफ ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट, राजस्थान चिकित्सकीय प्रेक्टिस अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा रही है।
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