scriptनियमों के पेच में फंसी धान की सरकारी खरीद,मंडी में रुकवाई बोली | Government purchase of paddy caught in the grip of rules, bid stopped | Patrika News
हनुमानगढ़

नियमों के पेच में फंसी धान की सरकारी खरीद,मंडी में रुकवाई बोली

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हनुमानगढ़. संयुक्त किसान मोर्चा हनुमानगढ़ के बैनर तले किसानों का जिला कलक्ट्रेट के समक्ष चल रहा पड़ाव मंगलवार को लगातार नौवें दिन भी जारी रहा। धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं होने से नाराज किसानों ने अब तेरह अक्टूबर को थानों का घेराव करने की चेतावनी दी है। क्षेत्र के किसान बुधवार को पीलीबंगा, टिब्बी, संगरिया, पल्लू, टाउन व जंक्शन थाने के समक्ष प्रदर्शन कर विरोध जताएंगे।
 

हनुमानगढ़Oct 12, 2021 / 08:36 pm

Purushottam Jha

नियमों के पेच में फंसी धान की सरकारी खरीद,मंडी में रुकवाई बोली

नियमों के पेच में फंसी धान की सरकारी खरीद,मंडी में रुकवाई बोली

नियमों के पेच में फंसी धान की सरकारी खरीद,मंडी में रुकवाई बोली
-एक नवम्बर तक खरीद शुरू होने के आसार
हनुमानगढ़. संयुक्त किसान मोर्चा हनुमानगढ़ के बैनर तले किसानों का जिला कलक्ट्रेट के समक्ष चल रहा पड़ाव मंगलवार को लगातार नौवें दिन भी जारी रहा। धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं होने से नाराज किसानों ने अब तेरह अक्टूबर को थानों का घेराव करने की चेतावनी दी है। क्षेत्र के किसान बुधवार को पीलीबंगा, टिब्बी, संगरिया, पल्लू, टाउन व जंक्शन थाने के समक्ष प्रदर्शन कर विरोध जताएंगे। साथ ही १४ अक्टूबर को कलक्ट्रेट के समक्ष पड़ाव स्थल पर किसान अनशन भी शुरू करेंगे। राज्य व केंद्र सरकार स्तर पर मंजूरी मिलने के बाद किसान अब जल्द मंडियों में धान की सरकारी खरीद शुरू करने की मांग कर रहे हैं। किसान जहां तत्काल धान की सरकारी खरीद शुरू करने की मांग कर रहे हैं, वहीं जिला प्रशासन व एफसीआई अधिकारी २५ अक्टूबर तक खरीद शुरू करवाने की बात कह रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि टेंडर आदि प्रक्रिया पूर्ण करने में निर्धारित समय लगता है। इसके बिना खरीद शुरू नहीं कर सकते। एफसीआई अधिकारियों का कहना है कि तय नियमों को दरकिनार कर खरीद नहीं कर सकते। नियमानुसार सारी तैयारी करने में दस से पंद्रह दिन का वक्त लगेगा। बारदाने की व्यवस्था किए बगैर खरीद शुरू करवाना मुश्किल है।
मंडियों में इतनी होती आवक
राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार को भिजवाई गई अनुसंशा के अनुसार पहले बरस क्षेत्र में ०.५० लाख एमटी धान की सरकारी खरीद करने का निर्णय लिया गया है। यानी इस बार पांच लाख क्विंटल धान की सरकारी खरीद होगी। इसके लिए २८६० गांठ बारदाने की जरूरत पड़ेगी। खरीद को लेकर एफसीआई को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है। वर्ष २०१८-१९ की बात करें तो हनुमानगढ़ मंडी क्षेत्र में ११२४६५ एमटी धान की आवक हुई थी। इसी तरह वर्ष २०१९-२० में ९५९८४ एमटी व वर्ष २०२०-२१ में ७४७३६ एमटी धान की आवक हुई थी।
मंडी में रुकवाई बोली

हनुमानगढ़. संयुक्त किसान मोर्चा हनुमानगढ़ की ओर से धान की सरकारी खरीद शुरू करने की मांग को लेकर पिछली चार अक्टूबर से लगातार जिला कलक्ट्रेट कार्यालय पर महापड़ाव चल रहा है। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत किसानों व मजदूरों द्वारा कृषि उपज मंडी समिति कार्यालय का घेराव कर धान की बोली रुकवाई गई। मंडी समिति के अधिकारियों को चेतावनी दी कि जब तक एफसीआइ के द्वारा धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं की जाती तब तक मंडी समिति का बोली रजिस्टर बाहर धान की मंडी में बोली के लिए न जाने दें। क्योंकि व्यापारी एमएसपी से कम कीमत पर किसान का माल खरीदते हैं। इससे किसान को 300 से 400 रुपए प्रति क्विंटल नुकसान हो रहा है। किसान नेता ओम स्वामी ने कहा कि सरकार ने धान का एमएसपी तय किया हुआ है मंडी समिति का ऑफिस सरकारी है और जो मंडी समिति में अधिकारी बैठते हैं वह भी सरकारी हैं। उनका जो रजिस्टर है वह भी सरकारी है। उस रजिस्टर को ले जाने वाला व्यक्ति भी सरकारी है तो किसान की फसल का रेट सरकार द्वारा निर्धारित रेट से कम क्यों लिया जा रहा है। धान की बोली जब तक नहीं होगी जब तक सरकारी खरीद शुरू नहीं हो जाती। किसानों को भी समझाया जाएगा कि वह अपना धान मंडी में ना लेकर आए जब तक सरकारी खरीद शुरू नहीं हो जाती इसलिए उन्होंने सभी किसान भाइयों से भी अपील की है कि वह सरकारी खरीद शुरू होने तक अपना धान कृषि मंडी में नहीं लेकर आएं। आमिर खान, गुरनायब सिंह ,अलीशेर ,जसपाल सिंह , रामस्वरूप बागड़ी मौजूद थे

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