विज्ञान-वाणिज्य के बाद कला में भी दिखाई करामात, मिशन शिखर से सरकारी स्कूल शिखर पर
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विज्ञान-वाणिज्य के बाद कला में भी दिखाई करामात, मिशन शिखर से सरकारी स्कूल शिखर पर
विज्ञान-वाणिज्य के बाद कला में भी दिखाई करामात, मिशन शिखर से सरकारी स्कूल शिखर पर
– जिले में निजी स्कूलों से अच्छा रहा सरकारी विद्यालयों का परिणाम
– जिले के ओवरऑल परिणाम से चार प्रतिशत से भी अधिक रहा सरकारी पाठशालाओं का नतीजा
– 86 सरकारी विद्यालयों ने ठोका शतक
हनुमानगढ़. वाणिज्य व विज्ञान संकाय की तरह कक्षा बारहवीं कला संकाय में भी सरकारी पाठशालाओं ने बेहतर प्रदर्शन किया है। शिक्षा विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार कला संकाय के जिले के ओवरऑल परीक्षा परिणाम से अच्छा नतीजा सरकारी पाठशालाओं का रहा है। इस साल कला संकाय का जिले का परिणाम 88.73 प्रतिशत रहा है। जबकि सरकारी विद्यालयों का परिणाम 92.86 फीसदी रहा है, मतलब चार प्रतिशत से भी अधिक परीक्षा परिणाम सरकारी विद्यालयों का जिले के परिणाम से अच्छा रहा है। ऐसे में तय है कि जिले में निजी स्कूलों से अच्छा सरकारी स्कूलों का परिणाम रहा है। जिले में कुल 226 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं, जहां कला संकाय संचालित हैं। इनमें से 86 विद्यालयों का परिणाम सौ प्रतिशत रहा है। जबकि 90 प्रतिशत से अधिक परिणाम वाले स्कूलों की संख्या 128 रही है।
अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक (मुख्यालय) रणवीर शर्मा ने बताया कि मिशन शिखर के तहत पूरे जिले के सरकारी विद्यालयों में नियमित पेपर लिए गए। बोर्ड पैटर्न पर नियमित पेपर देने से विद्यार्थियों के मन से बोर्ड परीक्षा का भय समाप्त हो गया। वे अधिक आत्मविश्वास व मेहनत के साथ परीक्षा की तैयारी में जुटे। शिक्षकों ने भी निरंतर मेहनत की। शिक्षा अधिकारियों व संस्था प्रधानों के सामूहिक प्रयासों से यह सफलता मिली है।
नामांकन में होगी बढ़ोतरी
जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक (मुख्यालय) राजेन्द्र यादव का कहना है कि सरकारी विद्यालयों का परीक्षा परिणाम उत्कृष्ट रहने से नि:संदेह नामांकन बढ़ोतरी में मदद मिलेगी। अभिभावकों के मन से यह भ्रम दूर होगा कि सरकारी पाठशालाओं में पढ़ाई नहीं होती। बेहतर परीक्षा परिणाम से बड़ा कोई प्रमाण नहीं हो सकता। सबने साझा प्रयास कर यह उपलब्धि हासिल की है। इसे निरंतर बनाए रखने का प्रयास किया जाएगा।
सरकारी पाठशालाओं का शतक
बारहवीं कला संकाय में जिले के 226 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में से 85 का परिणाम शत-प्रतिशत रहा है। एडीईओ माध्यमिक (मुख्यालय) रणवीर शर्मा ने बताया कि इनमें राउमावि ढाबां, नुकेरां, लीलांवाली, कीकरांवाली, हरिपुरा, रतनपुरा, फतेहपुर, नगराना, मानकसर, मोरजंड सिखान, दीनगढ़, अमरपुरा जालू, इंद्रगढ़, टिब्बी, मल्लडख़ेड़ा, गिलवाला, डबलीकलां, खाराखेड़ा, मेहरवाला, भुरानपुरा, शेरेकां, दो केएसपी, मसीतांवाली, राठीखेड़ा, सलेमगढ़, चार केएसपी, टिडियासर, उज्जलवास, बिरकाली, भोगराना, ननाऊ, मुंडा, जंडावाली, झाम्बर, हिरणांवाली, भोमपुरा, करणीसर, फतेहगढ़, कोहला, पक्का भादवा, श्रीनगर, उत्तमसिंहवाला, 30 एसएसडब्ल्यू, माणुका, सतीपुरा, 18 एसपीडी, उम्मेवाला, हरदयालपुरा व डबलीवास पेमा शामिल है। इसी तरह राउमावि जाखड़ांवाली, कमाना, डबलीवास कुतुब, अमरपुरा राठान, दानासर, पोहड़का, रामपुरा मटोरिया, खोड़ां, 4 डीडब्ल्यूएम, ब्रह्मसर, किलानिया, निर्वाल, नैयासर, सरदारपुरा बास, जोगीवाला, गांधी बड़ी, झांसल, मुंसरी, रसलाना, डूंगराना, नेठराना, अनूपशहर, कुंजी, बिराण, बोझला, मेहराना, पटवा व शिवदानपुरा बुढ़ेर तथा राबाउमावि शाहपीनी, संगरिया, बेरवाला कलां व पक्का सारणा का परिणाम सौ प्रतिशत रहा है।
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