scriptछत गिरने से दो पोतों सहित दादी की मौत | Grandmother's death, including two child falling from the roof | Patrika News
हनुमानगढ़

छत गिरने से दो पोतों सहित दादी की मौत

– बच्चों की मां गंभीर घायल, बीकानेर रेफर- टाउन की पारीक कॉलोनी की घटना

हनुमानगढ़Jun 06, 2018 / 11:46 am

pawan uppal

child death

छत गिरने से दो पोतों सहित दादी की मौत

हनुमानगढ़. टाउन की पारीक कॉलोनी में मंगलवार रात अंधड़ से कच्चे मकान की छत गिर गई। इसके नीचे दबने से तीन जनों की मौत हो गई। जबकि एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। उसे बीकानेर रेफर किया गया है। मृतकों में दो बच्चे व उनकी दादी शामिल है। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। मृतकों के परिजनों ने जिला अस्पताल में मुआवजे की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। कलक्टर दिनेशचंद्र जैन व एसपी यादराम फांसल ने उनको मुआवजा दिलाने का भरोसा दिलाया। मगर समाचार लिखे जाने तक धरना प्रदर्शन जारी था। मृतकों का पोस्टमार्टम भी कराया जा रहा था।
जानकारी के अनुसार पारीक कॉलोनी में बलराम सिंह का कच्चा मकान है। इसमें एक कमरा व एक रसोई है। लकड़ी का मिस्त्री बलराम मंगलवार को काम करने पीलीबंगा गया हुआ था। रात को अंधड़ आने की वजह से वहीं रुक गया। पीछे घर में उसकी पत्नी तन्नू (30), दो पुत्र प्रदीप (5) व पुनित (3) तथा माता जानी देवी (70) थे। रात को खाना खाकर सभी कमरे में सो गए। अंधड़ के कारण रात को किसी वक्त मकान की छत गिर गई। मगर अंधड़ के शोर व बिजली नहीं होने के कारण पड़ोसियों को घटना का पता नहीं चला। सुबह करीब साढ़े छह बजे छत गिरने का पता चला तो आसपास के लोग जमा हो गए। मिट्टी व सामान हटाकर नीचे दबे लोगों को निकाला। पुलिस व एम्बुलेंस 108 को सूचना दी गई। इसके बाद चारों जनों को अस्पताल पहुंचाया गया। वहां चिकित्सकों ने प्रदीप, पुनित व जानी देवी को मृत घोषित कर दिया। तन्नू को प्राथमिक उपचार के बाद हालत बिगडऩे पर बीकानेर रेफर कर दिया गया।
इधर, अस्पताल में मृतकों के परिजन व कई राजनीतिक दलों के लोग एकत्र हो गए। मृतक परिवार के सदस्यों को तत्काल मुआवजा देने की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया। मुआवजा राशि नहीं मिलने तक पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। मौके पर पहुंचे कलक्टर दिनेशचंद्र जैन, एसपी यादराम फांसल, डीएसपी विरेन्द्र जाखड़ आदि ने मृतकों के परिजनों को समझाया। कलक्टर ने शीघ्र सरकारी सहायता परिजनों को दिलाने का भरोसा दिलाया। इसके बावजूद धरना प्रदर्शन जारी था।
अंधड़ ने मारा, अंधड़ ने बचाया
पारीक कॉलोनी के इस जरूरतमंद परिवार के लिए अंधड़ जहां मौत का कारण बना, वहीं परिवार के मुखिया को घटनास्थल से दूर रखने में भी अंधड़ की ही भूमिका रही। परिवार का मुखिया बलराम सिंह लकड़ी का मिस्त्री है। वह कार्य करने मंगलवार को पीलीबंगा गया हुआ था। रात को जब वापस लौटने लगा तो अंधड़ आ गया। इस कारण वहीं रुक गया।

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